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कोरोना आपदा प्रबंधन व चुनाव पर शीर्ष विमर्श

डॉ दिलीप अग्निहोत्रीनई दिल्ली में योगी आदित्यनाथ की केंद्रीय नेताओं से सौहार्द पूर्ण माहौल में वार्ता हुई। बताया गया कि पिछले दिनों हर मुलाकात पर जो कयास लगाए जा रहे थे वह निरर्थक साबित हुए। राजनीतिक दृष्टी से उत्तर प्रदेश सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। ऐसे में विधानसभा चुनाव पर चर्चा का जो क्रम शुरू हुआ था,वह नई दिल्ली में जारी रहा। मुख्यमंत्री बनने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने भी नरेंद्र मोदी स्टाइल में बिना रुके बिना थके काम किया है। इसका परिणाम है कि वह विकास की बड़ी लकीर खींचने में सफल रहे है। ऐसे में यहां नेतृत्व परिवर्तन पर विचार की गुंजाइश ही नहीं थी। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी योगी के कार्यों की प्रशंसा करता रहा है। भाजपा खेमे में इस मसले की कोई चर्चा नहीं थी।

फिर भी यह विषय चलाया गया। हवा में तीर चलाये जा रहे थे,हर मुलाकात को परिवर्तन से जोड़ा जा रहा था। सभी गतिविधियों को उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन से जोड़ दिया गया। जबकि यह सब हवा हवाई ही रहा। यह अभियान सुनियोजित था। लेकिन अब इसकी असलियत सामने आ गई है। योगी आदित्यनाथ ने विकास में पिछली कई सरकारों को पीछे छोड़ दिया है। ऐसे में किसी बड़े बदलाव की कहीं चर्चा ही नहीं थी। फिर भी इसे हंगामे की तरह पेश किया गया। इसमें योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन को भी शामिल कर लिया गया। पिछली सरकारों की तरह अब मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर जश्न नहीं होते। अब यह दिन भी सामान्य रहता है। नरेंद्र मोदी जेपी नड्डा सहित अनेक बड़े नेताओं ने योगी को फोन करके बधाई दी,लेकिन कहा गया कि ट्वीट नहीं हुआ। इसका मतलब मतभेद गहरे हो गए। इसी आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है योगी के विरुद्ध किस स्तर का खेला चलाया गया था। ऐसे लोगों की निगाह उत्तर प्रदेश से जुड़े प्रत्येक नेता और उनसे संबंधित गतिविधियों से थी।

इनमें दो नाम बाद में जुड़ गए। संभव है यह सूची अभी आगे बढ़े। कोरोना लहर कमजोर होने के बाद अनेक मुख्यमंत्री नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात कर रहे है। इस समय आपदा प्रबंधन व वैक्सिनेशन ही वार्ता का प्रमुख विषय रहता है। जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा भी इस संबन्ध में मोदी से मिले होंगे। कश्मीर घाटी में वैक्सिनेशन के प्रति बहुत उत्साह दिखाई दे रहा है। लेकिन ये सभी बातें पीछे छूट गई। इस मुलाकात को भी उत्तर प्रदेश के नेतृत्व परिवर्तन से जोड़ कर प्रचारित किया गया। इसके कुछ समय पहले मंत्री सुरेश खन्ना की भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष की कथित मुलाकात प्रचारित की गई। कहा गया कि मनोज सिन्हा व सुरेश खन्ना भी दावेदार हो सकते है। मतलब साफ है, योगी के विरुद्ध खेला चलाने वाले सामान्य बात को भी हंगामा बना रहे थे। मनोज सिन्हा व सुरेश खन्ना दोनों ही सुलझे हुए नेता है। लेकिन विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले कोई इनको कमान सौंपने की बात करना हास्यास्पद ही था।

इधर लखनऊ में भापजा के प्रदेश प्रभारी राज्यपाल से मिलने गए। इस पर भी हंगामा चलाया गया। कहा गया कि योगी आदित्यनाथ विधानसभा भंग कर सकते है। इस स्थिति पर विचार के लिए राधा मोहन राजभवन गए थे। इस प्रकार के कयास खेला की पराकाष्ठा थे। कुछ दिन पहले संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबले लखनऊ आये थे। उनकी यात्रा का उद्देश्य संघ के अनुषांगिक संगठनों द्वारा संचालित सेवा कार्यों का जायजा लेना था। इसी के साथ उन्होंने सेवा कार्यों को गति देने के लिए स्वयं सेवकों को प्रोत्साहित किया। संघ के आनुषंगिक संगठन पूरे देश में सेवा कार्यों का संचालन कर रहे है। सर कार्यवाह उनके बीच जाकर मनोबल बढ़ा रहे है। उनकी लखनऊ यात्रा के सेवा व राहत कार्यों संबन्धी मूल उद्देश्य कुछ लोगों नजरअंदाज कर दिया। ऐसे बताया गया जैसे उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार व संघठन में उलटफेर होने जा रहा है।

इतना ही नहीं कहा गया कि उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य दिल्ली तलब। फिर जोड़ा गया कि उनके दिल्ली से लौटते बदलाव होगा। राज्यपाल आनन्दी बेन को भी इन अटकलों में जोड़ लिया गया। कहा गया कि वह  भोपाल में अपने समस्त कार्यक्रम निरस्त करके लखनऊ पहुंच रही है। काशी में आपदा प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री ने विधान परिषद सदस्य अरविंद शर्मा की तारीफ क्या की,उनका नाम भी खेला अभियान में चला दिया गया। इसके बाद इस अभियान की कलई तो खुलनी ही थी। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष ने योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा अकारण ही नहीं की थी। इसके ठोस आधार थे। ये बात अलग है कि उनकी लखनऊ यात्रा को भी हवा हवाई अभियान से जोड़ लिया गया था। जबकि योगी विकास के मामले में पिछली अनेक सरकारों के कुल योग से आगे निकल गए है। ऐसे में परिवर्तन पर विचार ही संभव नहीं था। योगी सपा बसपा सरकारों के सभी कार्यकालों को चुनौती देने को तैयार है। किसान गरीब निवेश अवस्थसपना एक्सप्रेस वे,स्वास्थ्य आदि सभी क्षेत्रों में पिछली सरकारों के रिकार्ड को बहुत पीछे छोड़ दिया है।

जबकि पिछला करीब एक वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना में व्यतीत हुआ। इसके बाद भी योगी आदित्यनाथ ने विकास की गति कम नहीं होने दी। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की कार्ययोजना पर अमल चल रहा है। तीस मेडिकल कॉलेज,अनेक एक्सप्रेस वे का निर्मांण प्रगति पर है। राज्य सरकार ने खर्च को नियंत्रित कर तथा आय बढ़ाकर प्रदेश की आकांक्षाओं की पूर्ति की ओर कदम बढ़ाया है। जबकि पिछला करीब एक वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना में व्यतीत हुआ। इसके बाद भी योगी आदित्यनाथ ने विकास की गति कम नहीं होने दी। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की कार्ययोजना पर अमल चल रहा है। इस संदर्भ में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने खर्च को नियंत्रित कर तथा आय बढ़ाकर प्रदेश की आकांक्षाओं की पूर्ति की ओर कदम बढ़ाया है। शीघ्र ही स्टेट जीएसटी से होने वाली आय एक लाख करोड़ रुपये की सीमा पार कर लेगी। राज्य सरकार ने अब तक गन्ना किसानों को सवा लाख करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है। करण्ट ईयर आधे से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। कोरोना काल में भी सभी एक सौ उन्नीस चीनी मिलें संचालित की गईं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लगभग छत्तीस लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की। छांछठ लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है तथा किसानों को ग्यारह हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा मक्के की खरीद कर किसानों को करीब दो सौ करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का भुगतान किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत प्रदेश के दो करोड़ बयालीस लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। इसके लिए राज्य को भारत सरकार से प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में पहले उत्तर प्रदेश चौदहनवें पायदान पर था। वर्तमान में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में प्रदेश की रैंकिंग देश में द्वितीय है। राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई और बजट का दायरा बढ़ा है। पहले प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठे स्थान पर थी। पिछले चार वर्षाें में प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी है। प्रदेश शहरी और ग्रामीण इलाकों में चालीस लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं। जेई एईएस के नियंत्रण के सम्बन्ध में किए गए कार्यों और अनुभवों का लाभ कोविड प्रबन्धन में मिला। कोविड प्रबन्धन व नियंत्रण के लिए प्रतिदिन राज्य और जनपद स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों की समीक्षा बैठकें हुईं। राज्य स्तर पर गठित की गई टीम ने अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी के स्तर पर सफलतापूर्वक कार्य किया। डोर स्टेप डिलेवरी, कोविड से सुरक्षा तथा लॉजिस्टिक्स के कार्य कोविड नियंत्रण में कारगर साबित हुए। कोविड प्रबन्धन में तकनीक का भी बेहतर उपयोग किया गया।

कोविड नियंत्रण के साथ जनता के हितों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया। लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति की गई। खाद्यान्न का वितरण किया गया। विभिन्न लाभार्थियों को उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से आर्थिक सहायता व पेंशन धनराशि उपलब्ध करायी गई। करीब ढाई करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ से लाभान्वित किया गया। चौवन लाख कामगार,स्ट्रीट वेण्डर्स आदि को भरण-पोषण भत्ते का लाभ मिला। कामगारों के लिए सुरक्षा बीमा तथा स्वास्थ्य बीमा का कवर उपलब्ध कराया गया। श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा सर्वांगीण विकास के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए ‘उत्तर प्रदेश कामगार एवं श्रमिक सेवायोजन एवं रोजगार आयोग’ का गठन किया गया है। प्रदेश के युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के उद्देश्य से निःशुल्क कोचिंग हेतु ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ संचालित की जा रही है। इस योजना के प्रति युवाओं में अत्यधिक उत्साह है। योजना के तहत पात्र छात्र छात्राओं को टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे। विकास संबन्धी कार्यों के संबन्ध में नरेंद्र मोदी अनेक अवसरों पर योगी की प्रशंसा करते रहे है।

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