भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की रिपोर्ट के मद्देनजर, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (एमरा) के साथ मिलकर एक श्वेत पत्र जारी किया है। इसमें देशभर के व्यापारियों द्वारा ई-कॉमर्स दिग्गजों के अनैतिक कारोबारी तरीकों का विरोध करने का निर्णय लिया गया है। गलत तरीकों के कारण, घरेलू खुदरा विक्रेताओं को समान अवसर नहीं मिल पा रहा है।
चांदनी चौक के सांसद और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवान ने कहा, इस श्वेत पत्र में ई-कॉमर्स कंपनियां, अमेजन और फ्लिपकार्ट द्वारा भारत के रिटेल इकोसिस्टम पर डाले जा रहे गंभीर प्रभावों का उल्लेख किया गया है।
Please also watch this video
यह श्वेत पत्र उन नियमों के उल्लंघनों को विस्तार से बताता है, जिनकी अवहेलना इन कंपनियों द्वारा विशेष रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति और अन्य ई-कॉमर्स से संबंधित नियामक ढांचों के तहत किया जा रहा है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री ने मोबाइल व्यापार नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, ई-कॉमर्स दिग्गजों के अनैतिक व्यापारिक तरीकों का कड़ा विरोध किया जाए।
ये कंपनियां, घरेलू व्यापार के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को विकृत करने पर तुली हुई हैं। अब समय आ गया है कि व्यापारिक समुदाय, इन कंपनियों की भारत के खुदरा व्यापार को हड़पने की योजना का जोरदार प्रतिकार करे।
खंडेलवाल ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का हवाला देते हुए कहा, इन्होंने कुछ दिन पहले इन कंपनियों को अपने निहित स्वार्थों को त्यागने और एक समान स्तर का खेल मैदान बनाने के लिए काम करने की चेतावनी दी थी। अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ‘सीसीआई’ की रिपोर्ट ने उन सभी आरोपों की पुष्टि की है, जो कैट और अन्य संगठनों ने लगभग 4 साल पहले लगाए थे।