वर्ष 2019 की समाप्ति पर एक बार फिर उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच स्थगित परमाणु वार्ता सुर्खियों में है। मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि हमारी उत्तर कोरिया पर पैनी नजर है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हमारा दृष्टिकोण सकारात्मक है। पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका अपनी नीतियों के साथ उत्तर कोरियाई नेतृत्व को समझाने का भरसक प्रयास करेगा और वार्ता के लिए आगे का मार्ग प्रश्सत करेगा।
उन्होंने कहा कि वाशिंगटन का यह प्रयास रहेगा कि परमाणु हथियारों से छुटकारा पाने के लिए उत्तर कोरिया में एक बेहतर अवसर और वातावरण बनें। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि हम देख रहे हैं कि वे इस साल के समापन दिनों में वो क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि उत्तर कोरिया का शीर्ष नेतृत्व ऐसा निर्णय लेगा, जिससे शांति का मार्ग प्रशस्त हो न की टकराव का।
बता दें कि उत्तर कोरिया ने अधर में लटकी वार्ता के बीच उसे नई रियायतें देने के लिए साल के अाखिर तक की समयसीमा तय की है। उसने अमेरिका को साफ चेतावनी दी है कि यदि इस साल के अतं में अमेरिका ने उसे कोई रियायत नहीं दी तो वह अपने नए मार्ग पर चल पड़ेगा। वर्ष 2017 में एक दूसरे को अपमानित करने तथा नष्ट करने की धमकियां देने में लगे थे।
गौरतलब है कि स्थगित परमाणु वार्ता को शुरू करने के लिए उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर दबाव बढ़ाया है। इस बाबत उत्तर कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की और उन्हें बेसब्र बूढ़ा करार दिया। बता दें कि ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता वर्ष 2017 में एक दूसरे को अपमानित करने तथा नष्ट करने की धमकियां देने में लगे थे। हालांकि उसके बाद दोनों में कुछ नजदीकियां बढ़ी थीं।