ब्रिटेन की एक सरकारी एजेंसी ने बुधवार को कहा कि इंग्लैंड अगर जलवायु परिवर्तन के कारण पैदा होने वाली मौसम की चरम स्थितियों के खिलाफ अपनी सुरक्षा में सुधार नहीं करता है तो उसे भी उसी प्रकार की भीषण बाढ़ों का सामना करना पड़ सकता है, जैसी बाढ़ ने इस बार की गर्मी में जर्मनी को तबाह कर दिया था.
एक रिपोर्ट में, ‘इन्वायरन्मेंट एजेंसी’ ने वैश्विक ग्लोबल वार्मिंग के कारण अधिक गर्म, शुष्क गर्मियां पड़ने, ज्यादा और खतरनाक बाढ़ों के आने, समुद्र तल की ऊंचाई बढ़ने और पानी की आपूर्ति को लेकर मांग बढ़ने की चेतावनी दी है. उसने अनुमान व्यक्त किया है कि वैश्विक औसत तापमान में यदि दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है, तो इंग्लैंड की शीतकालीन वर्षा में छह प्रतिशत की वृद्धि होगी, लेकिन 2050 तक गर्मियों की वर्षा 15 प्रतिशत कम हो जाएगी.
उन्होंने कहा, “बदलाव की यह कार्रवाई सरकार, व्यवसायों और समुदायों के लिए भी अभिन्न होनी चाहिए. जब निष्क्रियता की कीमत चुकाने के बजाय जलवायु की बेहतर स्थिति में जल्दी निवेश करना ज्यादा आसान है, तो ऐसे में लोग जल्द ही सवाल करेंगे कि इस संबंध में कदम क्यों नहीं उठाए गए.”