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संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण

ट्रस्टीशिप काउंसिल में पीसकीपर्स के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए एक फ्रेंड्स समूह को लॉन्च किया गया। भारत के साथ बांग्लादेश, मिस्र, फ्रांस, मोरक्को और नेपाल जैसे योगदान देने वाले देशों ने इसके सह-अध्यक्षों के रूप में भाग लिया। फ्रेंड्स समूह के लॉन्च पर विदेश मंत्री एस जयंशकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है। साथ ही इस बात पर चिंता जताई कि कैसे सशस्त्र समूहों और आतंकवादियों की भागीदारी ने विश्व स्तर पर शांति अभियानों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

आखिर क्यों हम जीवन के सर्वोत्तम को देख ही नहीं रहे?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि यह UNSCR 2589 का अनुवर्ती उपाय है, जिसे भारत ने पिछले वर्ष अपनी अध्यक्षता के दौरान शुरू किया था। शांति स्थापना अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। इसलिए यह हमारा पवित्र कर्तव्य है कि हम ‘रक्षकों की रक्षा करें।

विदेश मंत्रालय का कहना है कि पिछले तीन साल में 20 देशों के 68 शांति रक्षकों ने शांति के लिए अपनी जान गंवाईं। अब तक 177 भारतीय शांति सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान किया है। गौरतलब है कि भारत विश्व स्तर पर सबसे अधिक संख्या में शांति सैनिकों का योगदान देता है।

अगस्त 2021 में भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने पर सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव अपनाया गया था। फ्रेंड्स समूह पर विदेश मंत्रालय का मानना है कि सामूहिक रूप से कार्य करने से समूह अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होगा।

रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी

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