नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में ‘ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। गृह मंत्री ने ड्रग विनष्टीकरण पखवाड़े का शुभारंभ, NCB के भोपाल जोनल यूनिट के नए कार्यालय परिसर का उद्घाटन और MANAS-2 हेल्पलाइन के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विस्तार की शुरुआत भी की।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य ड्रग तस्करी की बढ़ती समस्या और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव, विशेष रूप से उत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों, से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना है।
सम्मेलन में पंजाब के राज्यपाल और चण्डीगढ़ के प्रशासक गुलाब चन्द कटारिया, जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक, आठ प्रतिभागी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों, विभागों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मेलन में शामिल हुए।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस प्रकार की क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस ने ड्रग्स के खिलाफ हमारी लड़ाई को एक मज़बूत आधार दिया है और ऐसे प्रयासों का ही नतीजा है कि इस समस्या के खिलाफ हमारा अभियान बहुत पुख्ता हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में देशभर के पुलिस बलों और NCB को 16,914 करोड़ रूपए मूल्य की ड्रग्स ज़ब्त करने में सफलता मिली है, जो आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है जो यह बताता है कि हमारे प्रयासों को सफलता मिल रही है। श्री शाह ने कहा कि हमारे सामने खड़ी चुनौतियों को देखते हुए हमें और मज़बूती, शिद्दत, माइक्रो प्लानिंग और सतत मॉनीटरिंग के साथ समयानुकूल नीति बनाकर आगे बढ़ना होगा, तभी हम इस लड़ाई में सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 में एक पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नशामुक्त भारत की सिद्धि बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को एक साथ एक मंच पर आना होगा और संबंधित विभागों को पूरे मनोयोग और परिश्रम के साथ इस बुराई पर विजय प्राप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि हम नार्को Terror के पूरे Ecosystem को ध्वस्त करने के लिए संकल्पित हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज हमने ज़ब्त मादक पदार्थों के विनष्टीकरण का पखवाड़ा भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत अगले दस दिनों में लगभग 8600 करोड़ रूपए मूल्य के एक लाख किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट किया जएगा। उन्होंने कहा कि इस विनष्टीकरण से जनता में एक मज़बूत संदेश जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में हमें 360 डिग्री वाली Whole of Government Approach के साथ संपूर्ण विजय की रणनीति बनाकर आगे बढ़ना है।
अमित शाह ने कहा कि आज भोपाल की आंचलिक इकाई का भी उद्घाटन हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण काम MANAS-2 हेल्पलाइन के 36 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में विस्तारीकरण का हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों की ज़िम्मेदारी है कि वे MANAS एप और टोल फ्री नंबर को लोकप्रिय बनाएं। गृह मंत्री ने कहा कि टोल फ्री नंबर पर आने वाले सभी कॉल्स पर त्वरित और परिणामलक्षी कार्यवाही कर इसकी विश्वसनीयता बढ़ाना भी हमारी साझा ज़िम्मेदारी है। श्री शाह ने कहा कि इस हेल्पलाइन पर 25 हज़ार से अधिक लोगों ने रिस्पॉंड किया है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जो भी फोन आए उस पर हम कार्रवाई करें, तभी यह प्रयास परिणामलक्षी बन सकेगा और नशामुक्त भारत की सिद्धि में मदद करेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई बहुत मज़बूत हुई है और इसके बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं। उन्होंने कहा कि हम इस लड़ाई में सफलता के बहुत नज़दीक हैं और सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 तक 3 लाख 63 हज़ार किलोग्राम मादक पदार्थों की ज़ब्ती की गई, जो 2014 से 2024 के 10 वर्षों में सात गुना बढ़ोत्तरी के साथ 24 लाख किलोग्राम हो गई। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह इस बात का उदाहरण है कि जनता, अदालतें और नीचे तक फैला पूरा इकोसिस्टम हमारे प्रयासों को अच्छा रिस्पांस दे रहा है। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच 10 साल में नष्ट किए गए ड्रग्स का मूल्य 8150 करोड़ रूपए था, जो पिछले 10 साल में आठ गुना बढ़कर बढ़कर 56,861 करोड़ रूपए हो गया है। गृह मंत्री ने कहा कि इसका अर्थ यह नहीं निकाला जाना चाहिए कि ड्रग्स का उपयोग बढ़ रहा है, बल्कि अब उस पर कार्रवाई हो रही है और परिणाम भी प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने द्रुत गति से ड्रग्स के विनष्टीकरण और नेटवर्क का पर्दाफाश कर इसके पूरे इकोसिस्टम को कानून के शिकंजे में लाने का काम किया है।
अमित शाह ने कहा कि हमने इन्वेस्टिगेशन में भी कई बदलाव करते हुए न सिर्फ ड्रग्स बल्कि इसके साथ जुड़े आतंकवाद के तंत्र को भी उजागर किया है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश की स्थानीय पुलिस और केन्द्रीय एजेंसियों ने नार्को टेरर के कई केसों को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि इन सफलताओं से संतुष्ट होने के स्थान पर हमें और अधिक गति और उत्साह से काम करना होगा। श्री शाह ने कहा कि डार्क वेब, क्रिप्टो करेंसी, ऑनलाइन मार्केटप्लेस और ड्रोन का उपयोग आज भी हमारे लिए चुनौती बने हुए हैं। श्री शाह ने कहा कि सभी एजेंसियां डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी, और ड्रोन के माध्यम से होने वाली ड्रग्स तस्करी को रोक नशा मुक्त भारत के संकल्प को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि नशामुक्त भारत अभियान की सफलता के लिए, इन चुनौतियों के तकनीकी समाधान हमारी एजेंसियों, राज्य सरकारों और इस क्षेत्र से जुड़े युवाओं को ढूंढने होंगे तभी ये लड़ाई परिणामलक्षी बन सकती है। उन्होंने कहा कि भारत Precursor Chemical के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है लेकिन नशे के खिलाफ अभियान में ये एक चिंता की भी बात है क्योंकि इससे संभावनाएं बढ़ती है। जब परंपरागत ड्रग्स पर सख्ती बढ़ती है तो कैमिकल ड्रग्स की ओर डायवर्जन स्वाभाविक होता है। उन्होंने कहा कि देशभर में कम से कम 50 से अधिक लैब पकड़ी गई हैं, जो ये बताता है कि हमारी सख्ती के कारण ड्रग्स की मांग में वृद्धि हुई है, वे उन्हें एक अलग रास्ते पर ले जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें इसे अभी से रोकना होगा। गृह मंत्री ने सभी राज्यों से अनुरोध किया कि वे अपने यहां अवैध क्लैन्डेस्टिन लैब्स को कठोरता के साथ नष्ट करें और Ruthless Approach के साथ इन पर कानूनी कार्रवाई करें।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने 2019 से ड्रग्स के खिलाफ अपनी अप्रोच में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार, ड्रग्स की सप्लाई चेन के खिलाफ Ruthless Approach, डिमांड रिडक्शन में Strategic Approach और पीड़ितों के साथ Human Approach के साथ आगे बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमें PITNDPS का उपयोग भी बढ़ाना होगा।उन्होंने कहा कि हमें संपत्ति ज़ब्ती के कानूनी प्रावधान का उपयोग भी सावधानी से लेकिन काफी बढ़ाने की ज़रूरत है। श्री शाह ने कहा कि FSL क्षमता वृद्धि के लिए राज्यों को सिर्फ केन्द्र पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थों के मामलों की Top to Bottom और Bottom to Top अप्रोच के साथ जांच बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि नारकोटिक्स का कोई भी केस इनडिविजुअल केस नहीं हो सकता और जब तक इसके पूरे नेटवर्क की जांच नहीं होती तब तक हमें जांच को पूरा नहीं मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें, हर केस को सिर्फ एक केस मानने की जगह इसके पीछे का पूरा नेटवर्क ध्वस्त करने का हथियार मानना चाहिए, तभी ये लड़ाई लॉजिकल अंत तक पहुंचेगी। श्री शाह ने कहा कि जब तक हम नशे के कारोबार का फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन और इसमें संपत्ति ज़ब्त करने की कार्रवाई नहीं करेंगे, तब तक हम इस बुराई पर विजय नहीं पा सकते। श्री शाह ने कहा कि हमें किसी भी बड़े केस को वित्तीय जांच के बिना खत्म करने की गलती नहीं करनी चाहिए।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि Whole of Government Approach को सफल बनाने के लिए NCORD की सभी बैठकों को सजगता के साथ आयोजित करना होगा और इनकी संख्या बढ़ाकर इन्हें संवेदना के साथ परिणामलक्षी बनाना होगा। उन्होंने सभी राज्यों से ज़िलास्तरीय NCORD बैठकों पर ज़ोर देने के लिए कहा और इस बात पर बल दिया कि अगर एक ज़िले को हम नशामुक्त करते हैं, तो पूरे देश को नशामुक्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिलास्तर पर रणनीति बनाकर अगर ऊपर केस भेजने की व्यवस्था कर सकते हैं, तो इसमें हमें भारी सफलता मिलेगी। श्री शाह ने कहा कि ज़ब्ती के दौरान जियोटैगिंग, टाइम स्टैंपिंग और वीडियोग्राफी पर हमें ज़ोर देना होगा, तभी हम सफल होंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और उसकी सभी एजेंसियां ड्रोनरोधी सिस्टम तैयार करने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन इसके साथ-साथ हर सीमावर्ती राज्य की पुलिस को भी हैकाथॉन का आयोजन कर भारत सरकार की मदद करनी चाहिए और इस क्षेत्र में गतिविधि बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें NCORD के मैकेनिज़्म को एक रूटीन से बाहर निकालना होगा और इसका आउटपुट, लिए गए फैसलों और तय की गई चीज़ों के क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी बैठक के आयोजक को सुनिश्चित करनी चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि ड्रग्स के विरूद्ध जन आंदोलन और जागरूकता भी महत्वपूर्ण है और इसमें शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग और आरोग्य विभाग को भी मुस्तैदी के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों को निदान पोर्टल का अधिकतम उपयोग करना चाहिए। इसके साथ-साथ वित्तीय जांच के लिए भी जरूरत के मुताबिक नियमों और कार्यशैली में बदलाव लाकर हमें कार्य करना पड़ेगा जिससे ऐसे मामलों की समुचित जांच की जा सके। श्री शाह ने कहा कि NCB को ड्रग्स मामलों में सजा दर 100 फीसदी करने के लिए राज्य सरकारों की नार्कोरोधी सभी इकाईयों और प्रोसिक्यूशन की ट्रेनिंग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को विशेष एनडीपीएस अदालतों के गठन में आगे बढ़कर कार्य करना होगा जिससे दर्ज मामलों पर कार्रवाई में देरी से मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई उपेक्षित न हो।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत में 7 फीसदी लोग गैरकानूनी रूप से ड्रग्स लेते हैं। उन्होंने कहा कि अब समय है जब हम सब मिलकर इस लड़ाई में अपना योगदान दे सकते हैं और इस लड़ाई में जीत हासिल करने में सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम आज चूक गये तो बाद में हमारे लिए वापस आने का मौका नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि कई पश्चिमी देश हमारे सामने उदाहरण हैं जहां ड्रग्स एक नासूर बन चुका है और इसका उनके पास कोई निदान नहीं है।
अमित शाह ने कहा कि कई बार लोग हताशा में ड्रग्स की राह पकड़ लेते हैं और अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि ड्रग्स का गैरकानूनी उपयोग सिर्फ एक अपराध नहीं है, बल्कि इससे नस्लें बर्बाद होती हैं। उन्होंने कहा कि ड्रग्स, देश की पीढ़ियों को बरबाद करने वाला नासूर है जिस पर हमें विजय प्राप्त करनी ही होगी। उन्होंने दोहराया कि अगर इस मौके पर हम इस समस्या पर विजय प्राप्त करने में पीछे रह गए, तो हमेशा के लिए पराजित होंगे। उन्होंने कहा कि न सिर्फ क्राइम, नार्को टेरर, देश की सुरक्षा बल्कि हमारी पीढ़ियां और नस्लें बर्बाद हो जाएंगी जिससे देश की क्षमता भी आहत होगी। श्री शाह ने कहा कि कोई भी देश नशे में लिप्त युवा पीढ़ी के साथ विकास की दौड़ में आगे नहीं बढ़ सकता, सिद्धियां प्राप्त नहीं कर सकता और सुरक्षित नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि सभी को संवेदना और दिल की गहराई से नशामुक्त भारत अभियान के साथ जुड़ना चाहिए और संकल्प लेना चाहिए कि न तो हम देश में नशा आने देंगे और न ही अपने देश से कहीं बाहर गैरकानूनी बिक्री के लिए जाने देंगे और भारत को नशामुक्त भारत बनाकर ही दम लेंगे।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी