नरेंद्र मोदी सरकार ने सीमाओं पर ढांचागत विकास की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किये है। उन्होंने पिछली यूपीए सरकार में किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कार्यो की तुलना करके हकीकत उजागर कर दी। उन्होंने कहा 2008 से 2014 के बीच सीमा पर प्रतिवर्ष 170 किमी सडक निर्माण होता था जबकि 2014 से 2020 के बीच प्रतिवर्ष 480 किमी सडक निर्माण होने लगा। पहले जहां एक सुरंग का निर्माण किया गया, वहीं एनडीए सरकार ने छह नयी सुरंग का निर्माण किया। उन्नीस सुरंग का काम चल रहा है।
2008 से 2014 तक सीमा सुरक्षा पर 3300 करोड रु खर्चहुएजबकि 2017-18 में 5400 करोड,2018-19 में 6700 करोड तथा 2020-21 में 11 हजार करोड रु खर्च होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को भारत की ताकत का अहसास करा दिया है। जबकि विपक्ष सहयोग करने के बदले इस मौके पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आया। कई तरह के झूठ फैलाकर देश को बदनाम करने का प्रयास किया। लेकिन देश की जनता ने मोदी के प्रति अपने विश्वास को कम नहीं होने दिया। शाह ने कहा कच्छ की सीमा पर दुनिया का सबसे बडा वैकल्पिक ऊर्जा पार्क का निर्माण होगा।
गुजरात के कच्छ के सफेद रण में रणोत्सव के साथ ही घोरडो में सीमा सुरक्षा बल की ओर से आयोजित सीमांत विकास उत्सव में शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा करने वाले सेना के जवानों की तरह सीमा पर बसे लोग भी सीमा के प्रहरी हैं। सीमाओं को सुरक्षित बनाने तथा इन क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए विकास जरुरी है। इसके लिए विकास उत्सव जरुरी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह समय समय पर सीमाओं पर आकर विकासोत्सव कार्यक्रम की मॉनिटरिंग करते रहेंगे।