Breaking News

यूपी : RTI अपीलों और शिकायतों का निपटारा 45 दिन में करने का रोडमैप बनाने को 9 सूचना आयुक्तों, आयोग के रजिस्ट्रार,सचिव संग प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार को एक्टिविस्ट उर्वशी ने भेजे लीगल नोटिस

लखनऊ। यूपी के राज्य सूचना आयोग में सूचना के अधिकार की धारा 19(3) की द्वितीय अपीलों और धारा 18 की शिकायतों का निपटारा 45 दिन में करने का रोडमैप बनाने के लिए 6 महीने का समय देते हुए राजधानी लखनऊ स्थित समाजसेविका और आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने आयोग में कार्यरत सभी 9 सूचना आयुक्तों, आयोग के रजिस्ट्रार और सचिव के साथ साथ यूपी में आरटीआई के नोडल विभाग प्रशासनिक सुधार के प्रमुख सचिव को लीगल नोटिस भेजा है।

लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी उर्वशी शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय कलकत्ता द्वारा अखिल कुमार रॉय बनाम द वैस्ट बंगाल सूचना आयोग व अन्य मामले में दिए गए आदेश, उच्च न्यायालय कर्नाटक द्वारा जयप्रकाश रेड्डी बनाम केन्द्रीय सूचना आयोग व भारत सरकार मामले में दिए गए आदेश और सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेसर्स कुसुम इंगोट्स एंड अलॉयज लिमिटेड बनाम भारत सरकार व अन्य मामले में दिए गए आदेश के आधार पर उन्होंने बीते कल आयोग में कार्यरत सभी 9 सूचना आयुक्तों, आयोग के रजिस्ट्रार और सचिव के साथ साथ यूपी में आरटीआई के नोडल विभाग प्रशासनिक सुधार के प्रमुख सचिव को लीगल नोटिस देकर यूपी के राज्य सूचना आयोग में सूचना के अधिकार की धारा
19(3) की द्वितीय अपीलों और धारा 18 की शिकायतों का निपटारा अधिकतम 45 दिन में कर देने का रोडमैप 6 महीने में बना लेने का समय दिया है और 6 महीने में कार्यवाही नहीं होने पर मामले को हाई कोर्ट ले जाने की बात कही है।

एक्टिविस्ट उर्वशी बताती हैं कि वर्तमान में यूपी के राज्य सूचना आयोग में सूचना के अधिकार की द्वितीय अपीलों और शिकायतों का निपटारा करने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं हैं जबकि जनसूचना अधिकारी द्वारा सूचना देने के लिए अधिकतम 30 दिन और प्रथम अपीलीय अधिकारी के लिए अधिकतम 45 दिन की समय सीमा निर्धारित है। आयोग और आयुक्तों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए उर्वशी ने बताया कि हालिया समय में कोई अपील या शिकायत आयोग में देने पर पहली सुनवाई होने में ही लगभग आधे साल का समय लग जाता है। और सूचना आयुक्तों द्वारा सुनवाई करते समय अधिकांशतः आधे साल या उससे भी आगे की तारीखें दी जाती हैं। जिसके कारण आरटीआई प्रयोगकर्ताओं को अनेकों समस्याओं का सामना तो करना पड़ता है साथ ही उनका सूचना मांगने का प्रयोजन ही निष्फल हो जाता है। बकौल उर्वशी आयोग और आयुक्तों के इस उदासीन रवैये के कारण यूपी में सूचना का अधिकार अपनी धार खोता जा रहा है और राज्य सूचना आयोग के गठन के उद्देश्यों की पूर्ति भी नहीं हो पा रही है और इस कारण से आरटीआई आवेदकों और प्रदेश की सरकारी मशीनरी का कीमती समय और पैसा भी बर्बाद हो रहा है।

साल 2005 से आरटीआई के क्षेत्र में जमीनी काम कर रही उर्वशी ने बताया कि उनको उम्मीद है कि यूपी के सूचना आयुक्त, आयोग के रजिस्ट्रार और सचिव के साथ साथ प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख सचिव उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का विधिक संज्ञान लेकर वृहद् लोकहित में उठाई गई उनकी इस मांग को 6 महीने से बहुत पहले ही पूरा कर देंगे।

About Samar Saleel

Check Also

25 मीटर ऊंची हाईटेक चिमनी से नहीं उड़ेगी चिता की राख, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर हो रहा काम

वाराणसी:  मोक्ष तीर्थ मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर 25 मीटर ऊंची हाईटेक चिमनी बनाई जाएगी ...