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मेघालय में दो प्रवासी मजदूरों की मौत का विहिप ने उठाया मामला, राष्ट्रपति मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग

संसद से पारित होने के चार साल से अधिक समय बाद आखिरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) से जुड़े नियम लागू हो गए हैं। हालांकि, कई राज्यों में सीएए लागू होने का विरोध किया जा रहा है। इसी को लेकर हाल ही में मेघालय में एक विरोध रैली निकाली गई, जिसमें दो गैर आदिवासी प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। अब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा घटना की जांच कराए जाने की मांग की।

27 मार्च की घटना
मेघालय के इचामती इलाके में 27 मार्च की शाम खासी छात्र संघ द्वारा आयोजित सीएए विरोधी रैली के बाद अलग-अलग घटनाओं में दो गैर-आदिवासी प्रवासी मजदूरों के शव बरामद किए गए थे। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इन दोनों मजदूरों की मौत इस रैली से जुड़ी हुई है या किसी अन्य घटना का परिणाम है।

मजदूरों की बेरहमी से हत्या करने का आरोप
राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे एक पत्र में इस मुद्दे को उठाते हुए, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के महासचिव बजरंग बागरा ने दावा किया कि मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले के एक गांव इचामती में सीएए विरोधी रैली के बाद दो प्रवासी मजदूरों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि छठे अनुसूचित राज्य होने के कारण जिले को सीएए से छूट दी गई है। यह वही जगह है जहां एक दबाव समूह ने सीएए विरोधी रैली आयोजित की थी, जिसके कारण अज्ञात बदमाशों ने दो निर्दोष हिंदुओं की हत्या कर दी थी, जैसा कि मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया था।

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