Breaking News

डलमऊ : मुझे आस नहीं आवास चाहिए एसडीएम साहब!

रायबरेली/डलमऊ। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में विभागीय उच्चाधिकारियों की अनदेखी एवं स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते केंद्र व प्रदेश सरकार के महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है। बदले में अधिकारी एवं कर्मचारी जमकर अवैध वसूली का खेल भी खेल रहे है। यह खेल कोई और नहीं बल्कि जियोटैग कर रही कार्यदाई संस्था के एक कर्मचारी द्वारा खेला जा रहा हैं।

डलमऊ नगर पंचायत में सरकारी कर्मचारियों को दिया लाभ

डलमऊ नगर पंचायत की पहली सूची में 392 प्रधानमंत्री आवास 4 माह पूर्व आवंटित किए गए है, जबकि दूसरी सूची 1 सप्ताह पूर्व 98 आवासों की सूची जारी हुई है,जिसमें से सर्वाधिक लोग अपात्र और ऊंची पहुंच वाले है। प्रधानमंत्री आवास की पहली सूची में जिसने मोटी रकम दी उसको प्रधानमंत्री आवास मिला जिसने मोटी रकम नहीं दी वह झुग्गी झोपड़ी में अभी भी रह रहा है। यहां तक की प्रधानमंत्री आवास में अपात्रों से मोटी रकम लेकर उनको ग्रामीण क्षेत्रों में आवास आवंटित कर दिया गया है, जबकि वह व्यक्ति डलमऊ नगर पंचायत में सरकारी कर्मचारी के पद पर तैनात है। लेकिन कार्यदाई संस्था के कर्मचारियों की आशीर्वाद के चलते उन्हें भी प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का लाभ दे दिया गया,जबकि लाभार्थी पात्र व्यक्ति अभी भी आवास का मुंह ताक रहे हैं।

नगर पंचायत में आवास आवंटन को लेकर लूटमार

कर्मचारियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में किए जा रहे धांधली को लेकर जब कस्बे वासियों ने इसकी शिकायत संपूर्ण समाधान तहसील दिवस में की तो अधिकारियों ने जांच पड़ताल का जिम्मा वर्तमान लेखपाल को दे दिया। वहीं वर्तमान लेखपाल प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेने वाले अपात्रों के यहां पहुंचकर जांच पड़ताल के नाम पर उनकी जेब टटोलने लगते है। फिलहाल डलमऊ नगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास आवंटन को लेकर जमकर लूटमार मची हुई है। पैसे व ऊंची पहुंच होने की वजह से नगर पंचायत में कार्य कर रहे लगभग एक दर्जन से अधिक सफाई कर्मचारियों को भी प्रधानमंत्री आवास की संपूर्ण किस्ते देकर उनकी छते डलवा दी गई हैं। जिससे सरकारी धन की रिकवरी ना हो सके। डलमऊ नगर पंचायत के मोहल्ला शेखवाड़ा निवासनी नसीम पत्नी फरीद ने आवास का लाभ पाने के लिए आवेदन किया था काफी दौड़-धूप के बावजूद भी उनको प्रधानमंत्री का आवास इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए मोटी रकम नहीं थी जिससे जांच पड़ताल तो हुई लेकिन आवास आवंटित आज तक नहीं हुआ जिसके चलते महिला खुले आसमान के नीचे के रहने के लिए मजबूर है। यहां तक की उक्त महिला को स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत शौचालय तक भी नहीं दिया गया।

ये भी पढ़ेंTanya Rastogi बनी ‘वीमेन एंटरप्रेन्योर ऑफ दी ईयर‘

392 आवासों की सूची पहले जारी

महिलाएं आज भी खुले में शौच करने के लिए मजबूर है। वहीं उच्चाधिकारियों के खौफ के सामने अपनी कलम बचाने के लिए आनन-फानन मोहल्ला शेखवाडा़ को ओडीएफ घोषित कर दिया गया लेकिन वास्तविकता में अधिकांश लोगों को ना तो शौचालय मिला और ना ही शौचालय की दूसरी किस्त मिली। जिसकी वजह से लोग अभी भी खुले में शौच करने के लिए मजबूर है। इस संबंध में एसडीएम जीत लाल सैनी ने बताया है कि इस मामले की जानकारी मुझे नहीं है मामले की जांच करा कर उचित कार्यवाही की जाएगी। वहीं डलमऊ नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि 392 आवासों की सूची पहले जारी हुई थी, जिसकी जानकारी मुझे नहीं है 98 आवासों की सूची मेरे द्वारा जारी की गई जिसमें कुछ अपात्रों के नाम शामिल किए गए हैं जिसकी जांच प्रक्रिया बाकी है। उन्होंने बताया मौके का स्थली जांच कर पात्रों को ही प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जाएगा। डूडा को 98 आवासों की सूची में पैसा ना भेजने के लिए पत्र लिखा जाएगा।

रिपोर्ट-रत्नेश मिश्रा/मोहित कुमार

About Samar Saleel

Check Also

बंद मकान में फटे सिलिंडर, धमाके से दहल गया पूरा इलाका, मचा हड़कंप, तीन लोग गंभीर घायल

रुड़की में गुरुवार शाम बड़ा हादसा हो गया। आबादी के बीच बंद मकान में रखे चार ...