लखनऊ। रेलवे अधिकारियों की मनमानी वीआईपी ट्रेन (VIP Train) लखनऊ मेल पर भारी पड़ रही है। लखनऊ मेल जंक्शन से चलती है, मगर उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे के अफसरों की आपस की तनातनी की वजह इसे मेंटेनेंस के लिए चारबाग भेजा जाता है, जिससे रोज दो से तीन घंटे और संसाधनों की बर्बादी होती है। साथ ही अन्य ट्रेनों के संचालन में भी बाधा पहुंचती है।इस पर कोई भी अफसर बोलने को तैयार नहीं हैं।
बता दें कि लखनऊ से नई दिल्ली के बीच चलने वाली लखनऊ मेल (12229) उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ट्रेन है। साल 2018 से पहले लखनऊ मेल चारबाग स्टेशन से चलती थी।ओरिजनेटिंग ट्रेनों को पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के लखनऊ जंक्शन पर शिफ्ट करने की योजना के तहत लखनऊ मेल को सितम्बर 2018 में लखनऊ जंक्शन से चलाने का निर्णय लिया गया।लखनऊ मेल रात दस बजे चलती है और नई दिल्ली से आने वाली लखनऊ मेल (12230) सुबह लगभग सात बजे लखनऊ जंक्शन पहुंचती है।
यहां से लखनऊ मेल को रुटीन मेंटेनेंस के लिए चारबाग स्टेशन की सैलून साइडिंग भेज दिया जाता है। यहां पर सफाई, धुलाई होती है,जिसमें चार से पांच घंटे लगते हैं।शाम को लखनऊ मेल लखनऊ जंक्शन लाई जाती है।लखनऊ जंक्शन लाने-ले जाने में रोज दो से तीन घंटे लगते हैं। इस दौरान कई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है और एहतियात बरतनी पड़ती है।
इतना ही नहीं लखनऊ मेल को लाने और ले जाने की वजह से चारबाग का प्लेटफॉर्म नंबर एक व्यस्त हो जाता है, जिससे अन्य ट्रेनों को बेवजह आउटर पर रुकना पड़ता है।उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे के अफसरों ने ट्रेन को एक दिन के लिए ऐशबाग डिपो में मेंटेन करवाया। हालांकि इसके बाद रेलवे यूनियन के दबाव में यह काम वापस चारबाग शिफ्ट कर दिया गया।
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दैनिक यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल कहते हैं कि वीआईपी कहलाई जाने वाली लखनऊ मेल को लेकर अफसरों का रवैया बेहद उपेक्षापूर्ण है। पूर्वोत्तर रेलवे के ऐशबाग डिपो में इसका मेंटेनेंस करवाया जा सकता है। बावजूद इसके उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अफसर न जाने किसके दबाव में यह काम चारबाग में करवा रहे हैं।
शताब्दी एक्सप्रेस उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की वीआईपी ट्रेन है। शताब्दी को चारबाग से चलाया जाता था।बाद में शताब्दी को लखनऊ जंक्शन शिफ्ट कर दिया गया। शताब्दी का मेंटेनेंस पूर्वोत्तर रेलवे के ऐशबाग डिपो में ही होता है, लेकिन लखनऊ मेल को चारबाग ले जाया जाता है। रेलवे अफसर इस मुद्दे पर कुछ बोलने से बच रहे हैं।