हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को आज एक विशेष अदालत ने आय से करीब 10 करोड़ रूपए अधिक की संपत्ति अर्जित करने के एक मामले में जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार गोयल ने एक-एक लाख रूपए के निजी बॉंड और इतनी ही रकम के एक मुचलके पर सभी आरोपियों को राहत दी। बहरहाल, न्यायाधीश ने उनसे कहा कि वे अदालत की पूर्व अनुमति के बगैर देश नहीं छोड़ें।
इससे पहले, सुबह सीबीआई ने मुख्यमंत्री की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वे आय से अधिक संपत्ति के मामले के गवाहों और अभी चल रही जांच को प्रभावित कर सकते हैं। लोक अभियोजक ने कहा कि वीरभद्र ‘‘राज्य के राजा’’ थे और यदि जमानत दी गई तो कोई भी अदालत में आकर गवाही देने की हिम्मत ही नहीं करेगा। अपनी जमानत अर्जी में वीरभद्र और अन्य आरोपियों ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है, क्योंकि सीबीआई पहले ही आरोप-पत्र दाखिल कर चुकी है। 82 साल के वीरभद्र को इस मामले में अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। हालांकि, सीबीआई ने कहा कि मामले की जांच अब भी जारी है और जमानत दिए जाने से छानबीन प्रभावित हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कई मेडिकल रिपोर्टों का हवाला देकर कहा है कि वह गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। आरोपियों ने यह दावा भी किया कि यदि उन्हें जमानत दे दी जाती है तो वे अपना मुकदमा बेहतर तरीके से लड़ सकेंगे। वीरभद्र और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह आय से अधिक संपत्ति के मामले में 22 मई को अदालत में आरोपी के तौर पर पेश हुए थे और जमानत मांगी थी ।
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