गर्मी का मौसम पूरी तरह से खत्म न होने और सर्द हवाओं से घरों की दीवारों पर उपस्थित सीलन सांस नली में प्रवेश कर एलर्जी करती है. एलर्जी के मरीजों को इससे छींकों की समस्या होती है. धूल-मिट्टी कणों और सीलन से बचाव के लिए मुंह पर कपड़ा, स्कार्फ या मास्क पहनकर सफाई करते हैं लेकिन इससे भी परेशानी बनी रहती है. ये ढंग ६० फीसदी तक लाभ करते हैं.
लक्षणों को जानें
मौसम का तापमान एलर्जी के कारक जैसे वायरस व फंगस की संख्या को बढ़ाते हैं. अस्थमा रोगियों में सांसनली अतिसंवेदनशील हो जाती है. एलर्जी के रोगियों में छींकें इसका शुरुआती लक्षण है. आंखों में पानी आना, नाक में खुजली, गले में भारीपन, बलगम बनने से सांस लेने में परेशानी भी हो सकती है.
घरों में वेंटीलेशन हो
घरों में सफाई के बाद कमरे में सीधे धूप आने दें. धूप नहीं आ पाती तो दरवाजे और खिड़कियां खोल दें ताकि ताजी हवा अंदर आए. एयर कंडीशनर के प्रयोग के बाद दरवाजे खोलें. सूक्ष्म कणों से बचाव वाले मास्क भी मार्केट में मिल जाते हैं जो एलर्जी की समस्या में राहत देते हैं. हालांकि ये थोड़े महंगे हैं.
टेस्ट और इलाज
एलर्जी की शुरुआती अवस्था में टेस्ट न कराएं, निगेटिव परिणाम आते हैं. स्टेज समाप्त होने व रोग की शिकायत पर सीरम आइजीई टेस्ट कराएं. बचाव के लिए ट्रिगर (कारक) की पहचान महत्वपूर्ण है.
एक्सपर्ट : डाक्टर नरेन्द्र खिप्पल, श्वास रोग विशेषज्ञ, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर