वाराणसी। बुधवार को बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के काबीना की बिजली बिल की समस्या को लेकर मुर्री बंद को लेकर एक अहम बैठक हुयी। सरकार द्वारा जो 2006 से बुनकरों को फ्लैट रेट से दी जा रही बिजली को 01 जनवरी से रोक दी गयी है, उसे चालू कराने को ले कर बनारस की बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम साहब के सदारत में उनके काजी शादुल्लापुरा स्थित आवास पर एक अहम् बैठक हुयी।
जिसमें बाईसी के काबीना के सारे सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह तय किया की उ.प्र. सरकार द्वारा सिर्फ बार बार आश्वासन मिल रहा है और सरकार ने वादा किया था की जुलाई तक के सारे पॉवरलूम के बिल कार्ड से जमा होंगे और उसके बाद फ्लैट रेट से ही बिजली बुनकरों को दी जायेगी पर आज वादा किये लगभग डेढ़ महीना हो गया पर कुछ नहीं हुआ उसी को ले कर उ.प्र. बुनकर सभा द्वारा जो 03 अक्टूबर को अनिश्चित कालीन बंदी को लेकर मीटिंग में तय हुआ था वो बंदी 15 अक्टूबर से फिर से शुरू हो रही है, जिसके समर्थन का एलान सभी बुनकर बिरादराना तंजीमो ने कर दिया है।
आज इस मौके पर बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम ने कहा कि आज बुनकरों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है। आज जो स्तिथि बुनकरों की है वैसी ही स्तिथि 2006 के पूर्व में भी थी तो उस वक्त की सरकार ने कानून बना कर बुनकरों को किसानो के तर्ज़ पर फ्लैट रेट बिजली दी थी। जिसके कारण बुनकरों की बदहाली दूर हुयी जो अब तक बदस्तूर चल रही थी। अब न जाने क्या हुआ किया बुनकरों के साथ सौतेला ब्यवहार किया जा रहा है जो की जनहित में नहीं है। क्योंकि बुनकारी लाईन में जीतने मुस्लिम जुड़े है उतने ही हिन्दू भाई भी जुड़े है और यही गंगा जमुनी तहजीब है, जो हिन्दू मुस्लिम को एक साथ जोड़ कर चलती है यही हमारे बनारस की पहचान है।
हम सभी पंचायत के लोग सरकार से मांग करते है कि जिस तरह बुनकरों को 2006 से फ्लैट रेट बिजली मिलती थी वो बदस्तूर जारी रहे और सरकार को पूरा हक़ है कि फ़्लैट रेट पर अगर पहले के मुकाबले कम है तो उसमे बढ़ा कर ले ताकि जो पूर्व की सरकार ने कानून बनाया था उस कानून के तहत हम बुनकरों को फ़्लैट रेट से बिजली मिले, आज इस बैठक में सामिल हाजी अब्दुल कलाम, हाजी नूरुद्दीन सरदार, बाबू लाल किंग, हाजी अनवार, हाजी बाबू, हाजी नेसार, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, पार्षद गुलशन अली, अफ़रोज़ अंसारी, हाजी नासिर हाफिज, मौलाना सकील, हाजी इफ्तार, सरदार मोइनुद्दीन, हाजी यासीन माइको, गुलाम मोहम्मद, हाजी छोटक, हाजी मतिउल्ला, हारुन अंसारी, सहित काबीना के सभी सदस्य मौजूद थे।
रिपोर्ट-जमील अख्तर