नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार के बारे में कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार की 210 से अधिक वेबसाइटों ने कुछ आधार लाभार्थियों के नाम और पते जैसी जानकारियां सार्वजनिक कर दी हैं। इसी के सन्दर्भ में यूआईडीएआई ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि उसने इस उल्लंघन पर संज्ञान लिया है और इन वेबसाइटों से जानकारियां को हटवा दिया है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि यह उल्लंघन कब हुआ ये स्पष्ट नहीं है।
यूआईडीएआई आधार की 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या जारी करता है जो देश में कहीं भी पहचान और घर के पते का सबूत होती है। हालांकि केंद्र सरकार ने विभिन्न सामाजिक सेवा योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है। यूआईडीएआई ने बताया कि उसकी ओर से आधार के ब्योरे को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया। संस्था ने अपनी और से स्पष्टीकरण करते हुए कहा है कि, ‘इस मामले में यह पाया गया है कि शैक्षिक संस्थानों समेत केंद्र सरकार, राज्य सरकार के विभागों की तकरीबन 210 वेबसाइटों पर लाभार्थियों के नाम, पते, अन्य जानकारियां और आधार संख्याओं को आम जनता की सूचना के लिए सार्वजनिक कर दिया गया’ उसने एक आरटीआई अर्जी के जवाब में कहा कि यूआईडीएआई ने इस पर ध्यान दिया है और इन वेबसाइटों से आधार का ब्योरा हटा दिया है।