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दंगों के पीछे का खेल देश की एकता और अखंडता को क्या तोड़ कर रख देगा?

ऐसा हर जगह नहीं हो रहा, बहुत सारी जगह पर अब भी हिंदू और मुस्लिम दोनों मिलकर अपने- अपने त्योहार मना रहे हैं। चंद असामाजिक तत्व की वजह से हम हमारे सुंदर देश की छवि को क्यों बिगाड़ रहे हैं?

   सीमा रंगा इन्द्रा 

आए दिन दंगों की वजह से भारत की छवि खराब होती जा रही है। क्या किसी को कारण पता है? दंगों की वजह क्या है? दंगों के पीछे जो खेल खेला जा रहा है, हम भारतवासी समझ ही नहीं पा रहे। आपको नहीं लगता है कि ये सिर्फ और सिर्फ साजिश है, भारत की एकता और अखंडता को तोड़ने की?

हमारे भाई -बंधु इसके जाल में क्यों फंसते जा रहे हैं? जब इतने वर्षों से सभी मिलजुल कर एक कस्बे, शहर, गांव में रह रहे है, तो ऐसा एकदम से क्या हो गया, जो दंगों ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है? सभी भारतवासियों को समझ से काम लेना होगा। देखना होगा कि हमारे बीच ऐसा कौन शत्रु आ गया है, जो दंगे करवा रहा है। पहले तो ऐसा नहीं था। हिंदू भाई मुस्लिम को ईद की मुबारकबाद देते थे और मुस्लिम भाई हिंदुओं को दीपावली की शुभकामनाएं देते थे।

ऐसा हर जगह नहीं हो रहा, बहुत सारी जगह पर अब भी हिंदू और मुस्लिम दोनों मिलकर अपने- अपने त्योहार मना रहे हैं। चंद असामाजिक तत्व की वजह से हम हमारे सुंदर देश की छवि को क्यों बिगाड़ रहे हैं? भारत वर्ष विभिन्न संस्कृतियों के लिए भिन्न-भिन्न धर्मों के लिए जाना जाता है। प्राचीन समय से ही हमारा देश शांति का पुजारी रहा है। अगर आपस में हम ऐसे लड़ते रहे तो, हमारे देश का क्या होगा? यह दुश्मन की चाल भी हो सकती है। भारत की शक्ति दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, उसे कम करने की साजिश भी हो सकती है। दुश्मन तो वैसे ही हमारे देश पर निगाहें लगाए रहता है।

हम मिल कर रहे थे

मिलकर रहेंगे 

देते रहेंगे भाईचारे का संदेश

 मिलकर ऊंचा ले जाएंगे 

विश्व में भारतवर्ष का नाम

कोरोना कॉल में पूरे विश्व की नजरें भारत पर टिकी हुई थीं। क्योंकि इतनी जनसंख्या वाले देश में सबका ध्यान भारत पर इसलिए था कि भारत महामारी को कैसे काबू करेगा। पर, भारतवासियों ने मिल-जुल कर दिखाया और अपनी वैक्सीन बनाकर विश्व को अचंभित कर दिया। वैक्सीन लगाने का जो लक्ष्य हासिल किया है, वह काबिले तारीफ़ है।

भारत के साथ-साथ विदेशों को भी भारत में बनी वैक्सीन भेजी है।यह भारत की ताकत को दर्शाता है ।जहां इस महामारी में बड़े बड़े देशों ने अपने घुटने टेक दिए थे वहां भारत अपने दम पर खड़ा रहा था। कोरोना के दौर में मजबूती से सब लोग एक-दूसरे का हाथ थामे खड़े रहे थे ।ऐसे ही हम खड़े रहेंगे तो एक मजबूत भारत का निर्माण करने से विश्व की कोई भी ताकत हमें रोक नहीं सकती।

मिलजुल कर ही हम देश को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकते है ।विश्व में अपनी शान बढ़ाएंगे। आंतरिक शक्ति हमारे देश को फिर से सोने की चिड़िया बना सकती हैं ।भाई -चारे से बड़ी कोई शक्ति दुनिया में हो ही नहीं सकती। विभिन्नता में एकता को समेटे हुए हमारे भारतवर्ष पर सभी को गर्व है। हम ऐसे देश के वासी हैं जहां सभी धर्मों के लोग मिलकर साथ रहते हैं । हम ईद की सेवइयां भी खाएंगे और दीपावली की मिठाई भी साथ में खाएंगे।

 

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