लम्भुआ/सुलतानपुर। जिले के प्रसिद्ध पौराणिक स्थल धोपाप में सोमवार को सन्नाटा छाया रहा। गंगा दशहरा पर्व पर जहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता था, वे घाट सूने पड़े रहे। अलसुबह कुछ स्नानार्थी घाट पर पहुँच गए थे। पर, जैसे ही इसकी खबर मीडिया को हुई। वह स्थानीय ग्रुपों पर प्रसारित हुई तो आनन-फानन पुलिस बल मौके पर पहुँच गया। स्नान कर रहे लोगों को हटाया गया।
मालूम हो कि प्रत्येक गंगा दशहरा को आदि गंगा गोमती के तट पर बड़ी तादात में श्रद्धालु पहुंचते हैं। मान्यता है कि त्रेता युग में रावण वध के उपरांत भगवान राम ने ब्रह्म हत्या से मुक्ति पाने के लिए धोपाप में डुबकी लगाई थी। ऋषियों की सलाह पर लगाई गई डुबकी के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त हुए थे। पाप मुक्त होने की अभिलाषा में प्रत्येक गंगा दशहरा को काफी संख्या में लोग स्नान करने पहुंचते हैं।
नवविवाहित दंपतियों के स्नान के निषेध जैसी मान्यता को भी स्थानीय लोग पूरी तरह अमल में लाते हैं। महीनों से स्नान पर्व का लोगों को इंतजार रहता है।पर, इस बार कोरोना महामारी के चलते धार्मिक आयोजनों पर रोक के कारण गंगा दशहरा पर्व पर धोपाप के घाट सूने रह गए। आदि गंगा गोमती के किनारे टीले पर मौजूद श्री राम जानकी मंदिर में भी इक्का-दुक्का श्रद्धालुओं ने पूजन किया। श्रद्धालुओं की मौजूदगी की वजह से करीब 9 किलोमीटर के क्षेत्र में चलने वाले पौशाला, शर्बत वितरण व स्वल्पाहार आदि की भी व्यवस्था नहीं की गई थी।
रिपोर्ट-संतोष पांडेय