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अमेरिका और चीन के बीच ताइवान को लेकर तनातनी, क्या वाकई होकर रहेगा युद्ध?

अमेरिका और चीन के बीच ताइवान को लेकर तनातनी के हालात लंबे समय से बने हुए हैं। हाल ही में अमेरिकी एयरफोर्स के सीनियर जनरल ने दावा किया कि दो साल के बाद दोनों देशों में भीषण युद्ध होगा।

इस आशंका से तनाव की स्थिति में और इजाफा हो गया है। इस बीच, अमेरिकी मरीन कोर्प्स यूनिट्स ताइवान के पास पॉजिशन लेने जा रही हैं। इन यूनिट्स का काम रिमोट आइलैंड पर लड़ाई को अंजाम देना है। माना जा रहा है कि बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच तनाव और बढ़ सकता है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या युद्ध को लेकर एयरफोर्स अधिकारी की भविष्यवाणी होने जा रही है।

रेजिमेंट के कमांडर कर्नल टिमोथी ब्रैडी जूनियर ने मई 2022 में वॉशिंगटन डीसी में मॉडर्न डे मरीन सम्मेलन में कहा, ”37 वीं बार आयोजित किया गया अभ्यास, कोई नई बात नहीं थी।” उन्होंने कहा, “जो नया था वह यह था कि एमएलआर हमारी पहली तैनाती के रूप में पहली बार इसमें भाग ले रहा था। जो वास्तव में नया था वह मुख्य भूभाग था, जिसे हमने वास्तव में ऑपरेट किया था।”

इस महीने, अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन III ने घोषणा की कि ओकिनावा के जापानी द्वीप पर आधारित एक समुद्री तोपखाना रेजिमेंट को 2025 तक एक समुद्री लिटोरल रेजिमेंट के रूप में पुनर्गठित किया जाएगा। ये मॉर्डन खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं व एंटी-शिप से लैस होंगे। यह यूनिट- 12वीं मरीन लिटोरल रेजिमेंट- भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्लान की गई तीन समुद्री लिटोरल रेजिमेंटों में से दूसरी है। पहली मार्च 2022 से सक्रिय है। पहली यूनिट हवाई में मौजूद है। सक्रिय होने के कुछ हफ्तों के भीतर तीसरी मरीन लिटोरल रेजिमेंट यूएस-फिलीपीन सैन्य अभ्यास बालिटिकन में भाग ले रही थी।

 

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