अस्पताल के दरवाजे आदि तोड़ने का किया प्रयास। अल्ट्रासाउंड सेंटर वाले की बतायी मिली भगत।
बिधूना। कस्बा में अनाधिकृत तौर पर चल रहे हाॅस्पिटल व अल्ट्रासाउंड सेंटर की भेंट चढ़ गयी एक गर्भवती महिला व नवजात बच्ची। गुरूवार को अल्ट्रासाउंड कराने आयी महिला को अल्ट्रासाउंड कराने के दौरान बच्चे में दिक्कत होने की बात कहकर भरथना रोड़ पर संचालित बीना हाॅस्पिटल में भेज दिया। जहां पर महिला के परिजनों से महिला व बच्चे को ठीक करने के नाम पर 50 हजार लेने के बाद भी रात्रि में मृत बच्ची के पैदा होने के बाद शुक्रवार की सुबह महिला की मौत हो गयी। महिला की मौत पर परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा, इस दौरान अस्पताल के दरवाजे आदि तोड़ने का प्रयास किया। उधर महिला को इटावा भेजते के बाद अस्पताल स्टाफ मौके से भाग गया था जबकि इटावा में साथ गया स्टाफ वहां पर मौका पाकर भाग गया।
जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के गांव भगवानपुरा निवासी लाल सिंह की पत्नी गीता देवी (38) गर्भवती थी। जो कि गुरूवार को कस्बा में सांईं अल्ट्रासाउंड सेंटर पर अल्ट्रा साउंड कराने आयी थी। जहां पर अल्ट्रासाउंड के बाद महिला से कहा गया कि उसके बच्चे में दिक्कत है, अस्पताल में भर्ती हो जाये। जिसके बाद अल्ट्रासाउंड सेंटर से ही बीना हाॅस्पिटल में फोन करके रिक्शा मंगवाकर महिला को प्राइवेट अस्पताल भेज दिया गया।
महिला के पति लाल सिंह ने बताया कि उसने अपनी पत्नी को गुरूवार को 11 बजे के आसपास बीना हाॅस्पिटल में भर्ती कराया था। जिस दौरान डाक्टर व नर्स ने मरीज व बच्चे को ठीक करने की पूरी जिम्मेदारी ली थी और 50 हजार रूपए खर्च होंने की बात कहते हुए ले भी लिए थे। बताया कि रात्रि में लगभग 12 बजे मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ था। जिसके बाद महिला की तबियत बिगड़ गयी थी। शुक्रवार की सुबह करीब 9 बजे मुझसे कहा गया कि दलिया बनवा लाओं, महिला बिल्कुल सही है।
बताया कि जब मैं दलिया लेने घर गया तो इन्होंने फोन किया कि जल्दी 5 मिनट में आ जाओ। जब मैं यहां पर आया तो यह गीता को गाड़ी पर लाद रहे थे और बोले जल्दी बैठो। जब मैंने कहा कि घर से कुछ लोगों को बुला लें, तो गांव के सामने गाड़ी भी नहीं रोकी और सीधे इटावा के रूद्राक्ष अस्पताल ले गये। जहां उन्होंने मना कर दिया। आरोप लगाया कि गीता 9 बजे ही मौत हो चुकी थी, अपने आप को बचाने के लिए वह इटावा लग गये थे। परिजन इटावा से महिला को लेकर सीधे बीना हाॅस्पिटल पहुंचे जहां पर परिवार के अन्य सदस्य व गांव के लोग भी आ गये। जिन्होंने शव को अस्पताल में रखकर जमकर हंगामा किया। दरवाजे आदि तोड़ दिये।
घटना की जानकारी होते ही मौंके पर पहुंची पुलिस-अस्पताल में महिला की मौत हंगामा की जानकारी होते ही पुलिस मौके पर पहुंच गयी। जिसने वार्ता कर उनके बयान लिये। साथ ही कहा कि वो जो भी तहरीर देंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जायेगी।
अल्ट्रासाउंड वाले ने भेजा बीना हाॅस्पिटल – मृतका के पति लाल सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी गुरूवार को सांई अल्ट्रासाउंड सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराने आयी थी। जहां पर अल्ट्रासाउंड वालों ने यह कह दिया कि बच्चे में दिक्कत हैं तुरंत अस्पताल ले जाओं। जिसके बाद स्वयं बीना हाॅस्पिटल से रिक्शा मंगवा के उसे बीना हाॅस्पिटल भेज दिया था।
पहले से थे तीन बच्चे – जेठानी मिलन देवी ने रोते हुए बताया कि गीता का ये चौथा बच्चा था। गीता के तीन बच्चे तनुज (9), कल्पना (7) व काव्या (5) पहले थे।
चिकित्सा अधीक्षक को दी लिखित सूचना – भगवानपुरा निवासी लाल सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उसने अपनी गर्भवती पत्नी गीता देवी को भरथना रोड़ स्थित बीना हाॅस्पिटल में गुरूवार को दिन में 11 बजे भर्ती कराया था। अस्पताल के डाक्टर व नर्सो ने उससे 50 हजार रूपए लिए और उसकी पत्नी व बच्चे को भी मार डाला। कहा कि हाॅस्पिटल को सीज करने के साथ डाक्टर व नर्सोे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये।
जेठानी ने लगाया आरोप – मृतका की जेठानी मिलन देवी ने बताया कि कल बीना हाॅस्पिटल में भर्ती कराया था, तब डाॅक्टरों ने कहा था नार्मल डिलीवरी हो जायेगी। मगर रात्रि में बच्ची मरी हुई पैदा हुई। जिसके बाद गीता की तबियत बिगड़ती गयी। हम लोगों ने कहा कि छुट्टी कर दो तो छुट्टी नहीं की। सुबह 9 बजे उसकी मौत हो गयी।
रोते हुए किया हंगमा – गीता की मौत पर उसके बच्चों समेत जेठानी मिलन देवी व राम कुमारी, देवरानी प्रीती, ननद मंजू देवी आदि का रो-रोकर बुरा हाल था। जिन्होंने रोते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा करते हुए दरवाजे आदि तोड़ दिये।
सीज होगा हॉस्पिटल – चिकित्सा अधीक्षक डॉ सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि मृतका के पति द्वारा दी गयी सूचना के आधार पर अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। अस्पताल को सीज किया जायेगा। अगर रजिस्ट्रेशन होता तो संचालक उसे दिखाते। मगर वह सब मौके से भाग गये थे।
रिपोर्ट – राहुल तिवारी/संदीप राठौर चुनमुन