मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर सनातन धर्म के मानवतावादी चिंतन को रेखांकित किया। उन्होंने वर्तमान में अफगानिस्तान, यूक्रेन और गाजापट्टी की स्थिति का उल्लेख किया। कहा कि दुनिया में यदि कोई विश्व शांति की गारंटी हो सकता है तो वह केवल सनातन धर्म और भारत है।
👉इजराइल में फंसे भारतीयों को लाने के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ शुरु
यही कारण है कि जब दुनिया संकट में है, तो इस समय प्रत्येक देश, धर्मावलम्बी व पीड़ित मानव, भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तरफ आशा भरी दृष्टि से देख रहा है। उन्हें विश्वास है कि भारत ही फिर से उनका सहारा बनेगा। योगी आदित्यनाथ जी आज हरियाणा के रोहतक में सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ के भव्य समाधि मंदिर में कलश स्थापना व ब्रह्मलीन महंत चाँदनाथ जी महाराज की भव्य प्रतिमा की स्थापना कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि नाथ सम्प्रदाय भारत की सनातन धर्म परम्परा का वाहक है। सनातन धर्म, ‘एकम् सत् विप्रा बहुधा वदन्ति’ बोध वाक्य का सत्य है। पंथ, उपासना विधियां, मत और संप्रदाय इस सत्य तक पहुंचने के लिए सनातन धर्म के अलग-अलग मार्ग हैं। यह सभी मत और सम्प्रदाय इसी सत्य की पुनर्स्थापना व पुनर्प्रतिष्ठा के लिए अपने आप को समर्पित किए हुए हैं।
राष्ट्र व सनातन धर्म के हित में जो कुछ भी होगा वही हमारे लिए अभीष्ट है। रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन मंजिल एक है। वह मंजिल सत्य सनातन धर्म की एकजुट होकर पुनर्स्थापना करना है। इस सत्य के प्रमुख वाहक के रूप में संघ के सर संचालक जी हम सबके साथ में हैं, जो इन सब कार्यों में समन्वय करते हैं। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्यक्रम इसी समन्वय की एक महत्वपूर्ण धारा है, जो पूरी दुनिया के लिए कौतूहल और आश्चर्य का विषय तथा एक दिशा है।
👉सिडबी और आईपीपीबी ने अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों के विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
जिन्हें अविश्वास था, वे पलायन करते थे। वे भूलकर भी श्री राम जन्मभूमि का नाम नहीं लेना चाहते थे। जिन्हें सनातन धर्म परम्परा व ‘यतो धर्मः ततो जयः’ सनातन वाक्य पर विश्वास था, वे लोग मानते थे कि कार्य करना हमारा कर्तव्य है परिणाम तो विधाता के हाथ में है। जो लोगों के लिए असंभव था आज भारत ने उसे सम्भव बना दिया है।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री