लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमती नगर में चल रहे शिल्प समागम मेले में गुरुवार को प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी के परफॉरमेंस ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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उन्होंने पहला गीत ‘पांच पान नव नारियल’ पितृ पक्ष पर गया और उसके बाद , ‘चमके सितारा चुनरिया में’, ’ जगदम्बे घर दियरा बार अइनी हो’, ‘लिख लिख पतियां असुर पठावे’ हाय मछरिया बिंदिया ले गइल..जमुना के तीर जैसे मनमोहक प्रस्तुतियों से श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया।
दर्शको की फरमाइश पर अपने प्रसिद्ध औऱ लोकप्रिय गीत ‘सइयां मिले लड़कइयां’ गाकर समां बाध दिया। मालिनी अवस्थी के अलावा बाल किशन दुबे के ‘ये शाम है मस्तानी’,’पल-पल दिल के पास’ और ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ और साक्षी कुमारी ने ‘तुम मुझे भुला ना पाओगे’, ‘गली में आज चांद निकला’ और ’हमें और जीन की चाहत ना होती’ जैसे सदाबहार गीतों से दर्शकों का मनोरंजन किया।
शिल्प समागम मेले में प्रतिदिन आयोजित हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय पारंपरिक लोक धुनों की समृद्ध विरासत का प्रदर्शन किया जा रहा है। भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के शीर्ष निगमों के माध्यम से आयोजित यह मेला 7 से 30 15 अक्टूबर तक चलेगा।
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