यागी तूफान ने म्यांमार में तबाही मचा दी। इस तूफान के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ के कारण 236 लोगों की मौत हो गई। करीब 77 लोग लापता भी हैं। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए)ने बताया कि मौतों के आंकड़ों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। कई सूत्रों का कहना है कि सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और कई सारे लापता हैं।
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सोमवार को जारी अपडेट के अनुसार, बाढञ के कारण 631,000 लोग प्रभावित हुए हैं। बता दें कि इस साल एशिया के सबसे शक्तिशाली तूफान टाइफून यागी ने एक सप्ताह पहले म्यांमार, लाओस और वियतनाम में भारी तबाही मचाई थी
बाढ़ के कारण म्यांमार में मची तबाही
बाढ़ ऐसे समय में आई, जब फरवरी 2021 के विरोध में सेना और बलों के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण हजारों लोगों को अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस संघर्ष के कारण 30 लाख लोगों को अपने घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।
ओसीएचए ने बताया कि बाढ़ के कारण यहां के लोगों को भोजन, पीने के पानी, दवा, कपड़े और आश्रय की तत्काल आवश्यकता है, लेकिन क्षतिग्रस्त सड़क और पुल राहत प्रयासों में बाधा डाल रही हैं। बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा नेपीडॉ, सेंट्रल मांडले क्षेत्र, काया, कायिन और शान राज्य प्रभावित हुए।
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बता दें कि बाढ़ से प्रभावित म्यांमार की मदद के लिए भारत आगे आया है। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि सूखा राशन, कपड़े और दवाओं सहित 10 टन सहायता भारतीय नौसैनिक जहाज आईएनएस सतपुड़ा पर म्यांमार भेजी गई।
भारतीय वायु सेना के सी-17 सैन्य परिवहन विमान ने लाओस तक 10 टन राहत सामग्री पहुंचाई, जबकि वियतनाम को 35 टन सहायता भेजी जा रही है। ओसीएचए ने यह भी बताया कि म्यांमार के राहत प्रयासों को गंभीर फंडिंग समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।