पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट को बताया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ सैन्य अदालत में मुकदमा चलाने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। सरकार की ओर से जानकारी तब सामने आई है, जब कोर्ट ने इस मुद्दे की अनिश्चितता पर स्पष्टीकरण मांगा।
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क्रिकेटर से राजनेता बने खान ने पिछले साल नौ मई को हुई हिंसा के मामले में सैन्य अदालत में सुनवाई के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) में याचिका दायर की थी। इस हिंसा में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था।
पिछले हफ्ते आईएचसी ने सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टता मांगी थी। सोमवार को अतरिक्त अटॉर्नी जनरल (एएजी) मुनव्वर इकबाल दुग्गल ने कोर्ट में सरकार का बयान पेश किया। दुग्गल ने कहा कि सरकार का इमरान खान की सैन्य अदालत में सुनवाई का कोई विचार नहीं है।
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जज ने एएजी और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर फलक नाज से पूछा कि एक नागरिक को सैन्य अदालत में कैसे पेश किया जाता है। नाज ने बताया कि कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू करने से पहले संबंधित मजिस्ट्रेट को सूचित किया जाता है और पाकिस्तान सेना अधिनियम के तहत कुछ अपराधो के लिए एक नागरिक को सैन्य अदालत में पेश किया जा सकता है।
जज ने यह भी पूछा कि क्या सैन्य अधिकारियों ने आरोपित को कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया से पहले नोटिस दिया था। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट को आश्वस्त किया जाए कि खान को उनकी सुनवाई से पहले नोटिस मिलेगा, तो याचिका पर फैसला लिया जा सकता है।