- Published by- @MrAnshulGaurav
- Sunday, June 12, 2022
सुशासन की पहली शर्त सुदृढ़ कानून व्यवस्था है .जिनकी नजर में पत्थरबाजी शांतिपूर्ण प्रदर्शन है ,वह सुशासन का मतलब ही नही समझते है .योगी आदित्यनाथ ने बेहतर कानून व्यवस्था को सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. एक बार फिर उन्होंने इसका प्रमाण दिया है. य़ह सही है कि प्रहार विचलित करता है. लेकिन विरोध की अभिव्यक्ति सभ्य और संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप होनी चाहिए.
ज्ञान व्यापी सर्वे के बाद हिन्दू आस्था पर अनगिनत अमर्यादित टिप्पणी की गई.ऐसा करने वालों में सेक्युलर सियासती के दावेदार सबसे आगे थे. कट्टरपंथी मुस्लिम नेता और कतिपय स्वयभू दलित चिंतक भी अपनी भड़ास निकालने में पीछे नहीं थे. इन्होंने तथ्य विहीन कहानियों के आधार पर औरंगजेब जैसे धर्मान्ध शासक को महान साबित करने का प्रयास किया. लेकिन इनके प्रयास ऐतिहासिक प्रमाणों के सामने बौने साबित हुए.इसके बाद भी हिन्दू समाज ने कहीं भी हिंसक प्रदर्शन नहीँ किया. दूसरी ओर चैनल की बहस से मात्र एक क्लिप लेकर दुनिया में भारत की छवि बिगाड़ने का अभियान चलाया गया.इस बयान के प्रति खेद व्यक्त किया गया.
इसे वापस लिया गया.किन्तु हिन्दू आस्था पर प्रहार करने वालों को कोई शर्मिंदगी नहीं हुईं.समाज़ में अराजकता फैलाने वालों के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजधर्म का निर्वाह कर रहे है. ऐसा नहीं योगी आदित्यनाथ कोई नया प्रयोग कर रहे हैं. पांच वर्षो से वह इस राजधर्म पर अमल कर रहे है. यही कारण है कि जिस प्रदेश में सैकड़ों दंगे हुआ करने थे, वहाँ पांच वर्ष में एक भी दंगा नही हुआ. कुछ समय पहले धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारने या आज धीमी करने का विषय आया था. योगी आदित्यनाथ ने ऐसा करने का निर्देश सर्वप्रथम गौरक्ष पीठ और मथुरा के कृष्ण धाम को दिया.
योगी आदित्यनाथ सन्यासी है, महंत है. धार्मिक स्थलों के प्रति उनकी आस्था सहज स्वाभाविक है.इसके बाद भी वह मुख्यमंत्री के संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करने है .योगी का पहला निर्णय अपनी आस्था के स्थलों के प्रति था, देखते ही देखते लाखों की संख्या में मन्दिर मस्जिद से लाउडस्पीकर उतार लिए गए, या उनकी आज परिसर तक सीमित कर ली गयी. पहली बार प्रदेश की सड़कों पर धार्मिक आयोजन नहीं किए गए .लेकिन प्रदेश में ऐसी ताकतें भी है,जिन्हें शांति व्यवस्था पसन्द नहीं रहीं है .ऐसे लोग अवसर की तलाश में रहते है .नागरिकता संबोधन कानून उत्पीडित बंधुओं को नागरिकता प्रदान करने के लिए था, लेकिन आंदोलन जीवीयों ने कहा कि इस कानून से वर्ग विशेष की
नागरिकता छिन जाएगी. फिर क्या था कौआ कान ले गया कि तर्ज पर प्रदर्शन शुरू हो गए.
शाहीन बाग घन्टा घर आदि इस सियासत के स्थल बन गए. यहां महिलाओं को आगे कर के आंदोलन चलाया जा रहा था .विवादित बयान के अराजक प्रदर्शन में बच्चों को आगे कर दिया गया .मतलब आंदोलन
जीवि केवल अपनी तकनीक बदलते है .इसके पीछे की मानसिकता एक जैसी है .देश में अराजकता दिखा कर उसको दुनिया में प्रसारित किया जाता है .किसानो ने नाम पर चले आंदोलन का भी यही अंदाज था. ऐसे आंदोलन या प्रदर्शन सुनियोजित होते है .इनके संचालन का अर्थतंत्र भी चर्चा में रहता है. सरकार यदि पहले ही इस अर्थतंत्र को निगरानी में लेती तो सूत्रधार सामने आ सकते थे. उनकी असलियत सामने आ जाती .इस बार भी देखा गया कि जिम्मे की नमाज़ के बाद गरीब बच्चे ही आगे थे .योगी आदित्यनाथ ने अराजकता के सूत्रधारो पर नकेल कसने के निर्देश दिए हैं.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि साजिशकर्ताओं ने अपने कुत्सित उद्देश्यों के लिए किशोरवय युवाओं को सहारा बनाया। ऐसे में मुख्य साजिशकर्ताओं की पहचान जरूरी है। इन लोगों का उद्देश्य प्रदेश के शांति सौहार्द को बिगाड़ना है। ऐसी कोशिशों को नाकाम किया जाएगा. कार्रवाई ऐसी हो जो असामाजिक तत्वों के लिए एक नजीर बने। माहौल बिगाड़ने के बारे में कोई सोच भी न सके. योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को जिम्मेदारी सौपी है.
कहा कि स्थानीय स्थिति परिस्थिति को देखते हुए अपने यथोचित निर्णय लें। प्रयागराज में वसूली की नोटिस भेजे जाने की कार्यवाही प्रारम्भ हो गई है। अन्य जनपद में ऐसा ही करने का योगी ने निर्देश दिया. कहा कि इससे सम्बन्धित ट्रिब्यूनल है। इनके माध्यम से नियमसंगत कठोरतम कार्रवाई की जाए। अवैध कमाई समाजविरोधी कार्यों में ही खर्च होती है। ऐसे में साजिशकर्ताओं और अभियुक्तों के बैंक खातों सम्पत्ति आदि का पूरा विवरण एकत्रित कराया जा रहा है .
शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ाई की आयेगी। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता बरती जाएगी. ऐसे लोगों के लिए सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक भी निर्दाेष को छेड़ें नहीं और कोई दोषी छोड़े नहीं। साजिशकर्ताओं और अभियुक्तों की पहचान कर उनके विरुद्ध एनएसए अथवा गैंगस्टर के नियमों के तहत नियमसंगत कार्रवाई होग.
(ये लेखक के निजि विचार हैं…..!!)