राज्य सरकार शहरों में लोगों को बेहतर सड़क की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री सड़क सुधार योजना’ शुरू करने जा रही है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की तैयारी है। इतना ही नहीं हाउस टैक्स की अधिक वसूली करने वाले निकायों को अतिरिक्त पैसे भी इसके लिए दिए जाएंगे।
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प्रदेश में मौजूदा समय 17 नगर निगम, 200 पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं। इनमें से 239 नई और सीमा विस्तार वाले निकाय हैं। शहरों में कालोनियों के साथ ही कुछ मार्गों को बनाने की जिम्मेदारी निकायों के पास है। निकायों के पास सड़क सुधार योजना और केंद्रीय व राज्य वित्त आयोग से पैसा होता है, लेकिन अतिरिक्त मद तक नहीं है।
इसमें तर्क दिया गया है कि शहरी सड़कें प्रदेश के विकास का परिदृश्य प्रस्तुत करती हैं। जनसंख्या वृद्धि, निकायों के क्षेत्रफल में विस्तार, ग्रामीण जनसंख्या का शहरों की ओर पलायन और शहरी यातायात में दिन-प्रतिदिन हो रही वृद्धि के कारण शहरों की अवस्थापना सुविधाओं, खासकर सड़कों पर अत्याधिक दबाव आ गया है।
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सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाना भी राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। नागरिक सुविधाओं की डिलीवरी आदि के आधार पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले निकायों में समग्र विकास के लिए नाली के साथ सड़क की सुविधा देना जरूरी है। इसीलिए एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मुख्यमंत्री सड़क सुधार योजना की शुरुआत की जाएगी।
नगर विकास विभाग इसीलिए ‘मुख्यमंत्री सड़क सुधार योजना’ नाम से अलग मद बनाना चाहते हैं, जिससे शहरों में लोगों को जरूरत के आधार पर सड़क की सुविधाएं दी जा सकें। उच्च स्तर से सहमति के बाद नगर विकास विभाग ने नए बजट में इसके लिए प्रावधान करने का प्रस्ताव भेजा है।