विकास दुबे एनकाउंटर समेत कानपुर के बिकरू गांव में हुई घटना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि ऐसी घटना दोबारा ना हो. कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जांच समिति को भी अप्रूवल दिया. इस समिति में सुप्रीम कोर्ट के जज रहे बीएस चौहान और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को शामिल किया गया है.
जानकारी के मुताबिक कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान और रिटायर्ड डीजीपी केएल गुप्ता को जांच समिति में शामिल किया गया है. यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि जांच समिति में जस्टिस बीएस चौहान और पूर्व डीजी केएल गुप्ता को शामिल किया जाएगा और जस्टिस चौहान ही समिति की अध्यक्षता भी करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इस जांच समिति को दो महीने में इंक्वायरी पूरी करने का आदेश भी दिया है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार सुबह मामले की सुनवाई करते हुए योगी सरकार के हलफनामे पर विचार किया. जांच समिति में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश बीएस चौहान को शामिल करने की बात कही, जिसे मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सहमति जताई. सुनवाई के दौरान सीजेआई जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि मैंने भी जस्टिस BS चौहान के साथ कई मामलों की सुनवाई की है, मैंने भी जांच समिति के लिए उसके नाम का सुझाव दिया होता.