यूपी के मुख्य सचिव कार्यालय में एक आरटीआई के खुलासे से पुलिस हिरासत में मौतों के आंकड़ों में भारी गिरावट आई है। बीते 6 वर्षों में यूपी में पुलिस हिरासत में हुई मौतों की संख्या की सूचना मांगी गई थी। जिसमें यह खुलाशा हुआ है कि पिछले वर्षों के मुकाबले में योगी के सत्ता संभालने के बाद यूपी में पुलिस हिरासत में हुई मौतों के आंकड़ों में 75% की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गई है।
आरटीआई से हुआ खुलासा
आरटीआई एक्टिविस्ट और समाजसेवी संजय शर्मा ने बताया कि यूपी में वर्ष 2012 में 12, वर्ष 2013 में 15, वर्ष 2014 में 08, वर्ष 2015 में 09, वर्ष 2016 में 08 और वर्ष 2017 में 14 सितम्बर तक 02 व्यक्ति पुलिस हिरासत में मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि पिछली सपा सरकार के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने वर्ष 2012 में 15 मार्च को सत्ता संभाली थी और योगी आदित्यनाथ बीते 19 मार्च को यूपी के सीएम बने हैं। इस प्रकार अखिलेश के 5 वर्ष के कार्यकाल में यूपी में पुलिस हिरासत में कुल 52 मौतें हुई, जबकि योगी सरकार के 9 महीनों में मात्र 2 मौतें ही हुईं हैं। इस तरह से अगर अखिलेश के समय के 5 सालों में पुलिस हिरासत में मौतों का आंकड़ा प्रतिवर्ष 10 था। जिसमें 9 महीनों का औसत लगभग 8 था, जो योगी के समय घटकर 2 ही रह गया है। संजय कहते हैं कि इस प्रकार अखिलेश राज के मुकाबले योगी राज में पुलिस हिरासत मौतों में चार गुने की भारी-भरकम कमी आई है।