रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना आपदा प्रबंधन संबधी योगी आदित्यनाथ की कार्ययोजना में प्रवासी भी शामिल थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के तेईस करोड़ लोगों के साथ अन्य प्रदेश में रहने वालों पर भी ध्यान केंद्रित किया था। इस संबद्ध में योगी के प्रयासों ने एक मिसाल कायम की है। अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने इससे प्रेरणा ली है। जबकि कतिपय मुख्यमंत्री योगी की सफलता से खुश नहीं हुए। क्योंकि इससे उनकी जिम्मेदारी व जबाबदेही बढ़ गई है। उनके प्रदेश के लोग भी योगी की तरह प्रवासियों को वापस लाने की अपेक्षा कर रहे है।
उत्तर प्रदेश के हजारों विद्यार्थी,श्रमिक अन्य प्रदेशों में थे। लॉक डाउन ने उनके सामने समस्या पैदा की थी। दिल्ली प्रदेश सरकार की लापरवाही से हजारों श्रमिक उत्तर प्रदेश की सीमा में आ गए थे। लॉक डाउन और कोरोना संक्रमण की दृष्टि से यह अप्रत्याशित स्थिति थी। योगी ने इस समस्या का सामना किया। उन्होंने रात भर जाग कर इन श्रमिकों को गंतव्य तक भेजने का इंतजाम किया। इनका कोरोना टेस्ट भी किया गया। इसके लिए अपेक्षित व्यवस्था की गई। इसके बाद योगी ने कोटा में रहने वाले आठ हजार विद्यार्थियों की प्रदेश में वापसी सुनिश्चित की।
प्रयागराज में अस्थाई रूप से रहने वाले अन्य जनपद के विद्यार्थियों को भी उनके घर भेजने का निर्णय किया गया। मुख्यमंत्री ने कोटा से वापस लाये गये प्रदेश के विद्यार्थियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग संवाद किया। उनकी समस्या सुनी और उनका मनोबल बढ़ाया।इन विद्यार्थियों को राज्य सरकार द्वारा वहां से निकाल कर विभिन्न जनपदों में उनके घर पहुंचाया गया था। योगी ने आरोग्य सेतु मोबाइल एप डाउनलोड करने, लाॅक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने का आग्रह किया। यह भी कहा कि विद्यर्थियो को सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए। राज्य सरकार प्रत्येक जनपद में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सेण्टर स्थापित करेगी। जिससे राज्य के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अन्य स्थानों पर जाने की आवश्यकता न हो।
सीएम योगी ने विद्यर्थियो का अभिभावक के रूप में मार्ग दर्शन किया। कहा कि कोरोना जाति,मजहब देश,समाज कुछ नहीं देखता। लापरवाही करने वाले इसकी चपेट में आ सकते है। अमेरिका,स्पेन, इटली,फ्रांस आदि इसके उदाहरण है। विकसित देशों को इस महामारी ने विवश कर दिया हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरदर्शिता से कम लिया।
उन्होंने मार्च के पहले हफ्ते में कोरोना अलर्ट जारी कर दिया था। होली से सम्बन्धित सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे। बाइस मार्च को जनता कफ्र्यू व पच्चीस मार्च से लाॅक डाउन लागू किया गया है। इससे देश में कोविड नाइन्टीन के संक्रमण को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। समय से कदम उठाने के कारण भारत उस स्थिति से बचा है, जिससे कई अन्य देश प्रभावित हैं। नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरा देश मिलकर संघर्ष कर रहा है। अन्य सभी लोगों को संकीर्णता से ऊपर उठकर चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी समय से कदम उठाए है। यहां भी मार्च के पहले सप्ताह में ही अलर्ट जारी किया गया। योगी ने होली पर्व के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को स्थगित किया। जनता से भी इस अमल का आग्रह किया। इन प्रयासों से प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले संक्रमण कम है। लाॅक डाउन से तात्कालिक परेशानी है,किन्तु जनहित में इस पर अमल अपरिहार्य है।
सरकार जरूरतमंदों की सहायता का पूरा प्रयास कर रही है। लोगों को भी शासन प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।
लाॅक डाउन के बाद ही प्रवासी श्रमिकों के आने का सिलसिला प्रारम्भ हो गया। इन्हें घर तक पहुंचाने व संस्थागत क्वारंटीन में रखना जरूरी था। राज्य सरकार द्वारा इन छह लाख से अधिक श्रमिकों को उनके जनपदों अथवा गांवों में ही क्वारंटीन शेल्टर होम्स में रखा गया। इनके लिए भोजन,पेयजल, दवा आदि आवश्यक व्यवस्थाएं भी की गईं। वर्तमान में इनमें से किसी भी श्रमिक में कोई भी संक्रमण नहीं है। बड़ी संख्या में श्रमिकों ने कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है।
भारत सरकार व राजस्थान सरकार से वार्ता करके प्रदेश के विद्यार्थियों को भी वापस लाया गया है। हरियाणा राज्य से प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को भी वापस लाया गया है।अन्य राज्यों में प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए कार्यवाही की जा रही है। जनपद प्रयागराज में रह रहे विद्यार्थियों का भी स्वास्थ्य परीक्षण कर उनके घर पहुंचाने का कार्य हो रहा है।
राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों और हरियाणा में फंसे मजदूरों की घर वापसी कराने प्रदेश सरकार प्रयागराज में अध्यनरत दस हजार छात्रों को उनके घर पहुंचा रही है। इसके लिए तीन सौ बसें लगाई गई है। ये प्रयागराज में तीन स्थानों से चलेंगी। इस प्रक्रिया के पहले चरण में सोनभद्र,चंदौली, वाराणसी,जौनपुर, प्रतापगढ़,कौशांबी, फतेहपुर और चित्रकूट के छात्रों को भेजने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद दूसरे चरण में इन्हीं बसों से अन्य जनपद में छात्रों को भेजा जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर छात्र का पूरा ब्यौरा रखा जाए। यदि वहां किसी अन्य प्रदेश के छात्र होंगे तो उन्हें भी अनुमति मिल जाएगी। हर गांव व कस्बे में वाॅलण्टियर्स की सहायता भी ली जा रही है। तीन दिन पहले दस हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों को प्रदेश में लाया गया है। इसके लिए सवा तीन सौ बसों का इंतजाम किया गया है। बाहर से आए व्यक्तियों के क्वारण्टीन की भी व्यवस्था की गई है। मण्डी,बैंक,राशन व दवा की दुकान आदि पर भी सोशल डिस्टंसिंग सुनिश्चित करनी होगी।
मीडिया ब्रीफिंग शासन स्तर पर नियमित रूप से प्रतिदिन की जा रही है। यदि स्थानीय स्तर पर इसकी आवश्यकता होती है, तो सावधानी बरतते हुए पूरी तथ्यपरक जानकारी और तैयारी के साथ मीडिया को अवगत कराया जा रहा है। भीड़ व अराजकता की स्थिति से बचने का भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है। एक्सप्रेस वे हाईवे तथा अन्य निर्माण के सम्बन्ध में स्थानीय स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। किसानों को उनकी फसल का हर हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा। शासन द्वारा किसानों की उपज को क्रय केन्द्रों के अलावा, उनके खेतों पर भी खरीदने की व्यवस्था की गई है। हाॅट स्पाॅट के साथ ही अन्य सभी स्थलों को व्यापक स्तर पर सैनेटाइज किया जा रहा है।