हालांकि, बहुत कम लोग यह जानते हैं कि इस तरह का आहार दृष्टि पर भी असर डाल सकता है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थाल्मोलॉजी में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के मुताबिक, अस्वस्थ खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार व मैक्यूलर डिजनेरेशन के बीच संबंध पाया गया है।
शोधकर्ताओं ने 66 तरह के खाद्य पदार्थों के डाटा का प्रयोग किया। इनकी दो ढंग के आहार के रूप में पहचान की गई। एक ढंग को उन्होंने स्वास्थ्यप्रद बताया। जबकि, दूसरे को उन्होंने पश्चिमी आहार करार दिया, जिसमें प्रोसेस्ड व रेड मीट, तला हुआ खाना, मिठाई, अंडे, रिफाइंड अनाज, उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद व चीनी से बने पेय पदार्थ का अधिक सेवन शामिल था।
हालांकि, शोधकर्ताओं ने इन आहारों से आरंभ में मैक्यूलर डिजनेरेशन होने का कोई संबंध नहीं पाया। लेकिन उन्होंने देखा कि पश्चिमी आहार से बाद में बढ़ती आयु के दौरान मैक्यूलर डिजनेरेशन होने की आसार तीन गुना अधिक थी। शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से पौष्टिक आहार लेना महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप से बढ़ती आयु के बच्चों के लिए पौष्टिक आहार बेहद महत्वपूर्ण होता है।