सूरत कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पर खतरे में पड़ती दिख रही है। कहा जा रहा है कि अगर उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई, तो वह अगले 6 सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
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खास बात है कि यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। अब ऐसी स्थिति में कांग्रेस के गांधी घराने पर संसदीय चुनाव लड़ने का दबाव बढ़ जाएगा।
अब अगर राहुल की लोकसभा सदस्यता जाती है, तो कहा जा रहा है पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव लड़ना जरूरी हो जाएगा। वायनाड सांसद को गुरुवार को सूरत को कोर्ट ने साल 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया है।
फिलहाल, सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से सांसद हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में इसे यूपी में कांग्रेस का आखिरी गढ़ माना जा रहा है। उनसे पहले पूर्व पीएम दिवंगत इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी जैसे कांग्रेस के दिग्गज कई बार यहां से जीत हासिल कर चुके हैं।
साल 2004 में पति और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी की सियासी विरासत को उन्हें राहुल को सौंप दिया और अमेठी से निकलकर रायबरेली का रुख किया था। तब से ही वह लगातार यहां से जीत दर्ज कर रही हैं, लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी ने यहां अपनी रफ्तार बढ़ा दी है।
बीते साल अक्टूबर में मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष की गद्दी संभालने के बाद सोनिया की राजनीतिक सक्रियता कम हो गई थी। इसके अलावा वह हाल ही में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के चलते अस्पताल में भर्ती हुई थीं। ऐसे में अटकलें थी कि वह अपनी राजनीतिक पारी को विराम दे सकती हैं। बीते महीने छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुए कांग्रेस के महाधिवेशन में भी उन्होंने इस तरह के संकेत दिए थे। हालांकि, पार्टी ने बाद में इस तरह की अटकलों पर विराम लगा दिया था।