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जी20 देशों तक पहुंचेगा लखनऊ विश्वविद्यालय- प्रो आलोक राय

लखनऊ विश्वविद्यालय आगामी तीन वर्षों के दौरान जी 20 देशों में विदेशी परिसर स्थापित करने का प्रयास करेगा। चरणबद्ध ढंग से ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा शुरू करेगा। यह जानकारी लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में दूसरी बार कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रोफेसर आलोक कुमार ने कही. पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में महत्वपूर्ण सुधार किया है और पिछले वर्ष नैक द्वारा ए++ ग्रेड से मान्यता प्राप्त की है।

लखनऊ विश्वविद्यालय भारत का पहला विश्वविद्यालय था जिसने NEP-2020 को लागू किया था। साथ ही, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का यूजी/पीजी पाठ्यक्रम मॉडल अन्य विश्वविद्यालयों के लिए बेंचमार्क है। पिछले तीन वर्षों के दौरान नए संस्थानों की स्थापना, नए संकाय, डी.लिट, यू.जी., पीजी, पीएचडी के लिए नए अध्यादेश तैयार किया गया है। साथ ही डिप्लोमा कोर्सों के पुनर्गठन का काम पूरा कर लिया गया है।

प्रौद्योगिकी पहल में वेबसाइट का नवीनीकरण अप्रैल 2020 में पूरा किया गया, जिसके परिणामस्वरूप पिछले तीन वर्षों में छह करोड़ वेबसाइट हिट दर्ज किए गए। इसके अलावा छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्लेट प्लेटफॉर्म भी मुहैया कराया गया। इसके अलावा विदेशी आवेदन में वृद्धि देखी गई है और सत्र 2022-23 के लिए 800 आवेदन प्राप्त हुए थे।

पिछले तीन वर्षों के दौरान 155 नए संकाय सदस्यों की नियुक्ति की गई, 197 शिक्षको की पदोन्नति की गई, 20 नए शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई, 37 कर्मचारियों को नियमित किया गया और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए 264 ग्रेड पदोन्नति की गई।

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पिछले तीन वर्षों में, विश्वविद्यालय ने संकाय सदस्यों और शोध छात्रों के लिए कई शोध प्रोत्साहन योजनाओं को शुरू करके अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को तैयार किया है। जिसके परिणामस्वरूप वेब ऑफ साइंस एच-इंडेक्स 77 से बढ़कर 95 हो गया। जबकि, एससीओपीयूएस एच-इंडेक्स 83 से बढ़कर 105 हो गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शोध साहित्य प्रबंधन विश्वविद्यालय में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देगा।

उन्होंने बताया कि 2019-20 में विभिन्न फंडिंग एजेंसी से अनुसंधान सहायता की मात्रा 6.5 करोड़ थी, जो 2021-22 में बढ़कर 17 करोड़ हो गई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अनुसंधान को मजबूत करने के लिए अनुसंधान प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि 2020 में विश्वविद्यालय में पहले से ही पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम चल रहा है और इसमें प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस है।

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अधोसंरचना (infrastructure) वृद्धि में मंथन हॉल, मालवीय हॉल का जीर्णोद्धार और विश्वकर्मा हॉल का निर्माण किया गया है। सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन और इंसीनरेटर के साथ शौचालय परिसरों की स्थापना की गई। पुस्तकालय उन्नयन, विभागीय अधोसंरचना में उत्थान किया गया है। साथ ही शिक्षा संकाय में बोर्ड रूम और ऑडिटोरियम की और चार छात्रावासों की नवीनीकरण किया गया है। सभी 17 छात्रावासों में अब ओपन एयर जिम है और कुछ छात्रावासों में अब पूर्व छात्रों द्वारा प्रायोजित अतिथि कक्ष हैं।

छात्र सहयोग के लिए डिजिटल चैनल, ट्विटर हैंडल, यूनिवर्सिटी मोबाइल एप, कॉफी विद वीसी कार्यक्रम बनाया गया है। छात्रों को वित्तीय सहायता के लिए, वीसी केयर फंड, शोधमेधा, कर्मयोगी योजना, छात्र कल्याण निधि और छात्र कल्याण छात्रवृत्ति योजनाएँ शुरू की गईं। साथ ही स्टूडेंट ओपीडी, ट्री, काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल, हैप्पी थिंकिंग लैब जैसी मेंटरिंग पहल की स्थापना की गई। साथ ही EASE प्रोग्राम और लाइब्रेरी ऑटोमेशन किया गया है।
प्लेसमेंट अनुभाग में, विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय सुधार देखा है। 2019-20 में, केवल 106 प्लेसमेंट हासिल किए गए जबकि 2022-23 में अब तक 718 प्लेसमेंट हुए हैं। साथ ही प्लेसमेंट और एंटरप्रेन्योरशिप बढ़ाने के लिए इनक्यूबेशन सेल की स्थापना की गई है।

प्रो राय ने कहा कि 2019 में विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन लगभग 39000 थे जो सत्र 2022-23 में देश के 31 विभिन्न राज्यों से लगभग 1700 आवेदनों के साथ बढ़कर 75000 हो गए।

अगले तीन वर्षों के अपने रोडमैप में, प्रो. राय ने कहा कि वह पिछले तीन वर्षों में हासिल की गई उपलब्धियों को भुनाने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, वह संस्थागत पुनर्गठन, वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाओं की संख्या में वृद्धि करके अनुसंधान उत्पादन में सुधार, उद्यमिता के संस्थागत सेट-अप, विदेशी छात्रों की संख्या में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेंगे। प्रो. राय ने कहा कि विदेशी छात्रों के लिए अलग छात्रावास स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही, अंतराल की पहचान करने के लिए ऑनलाइन छात्र प्रतिक्रिया प्रणाली स्थापित की जाएगी।

इस वर्ष विश्वविद्यालय छात्र के भावनात्मक मूल्यों और समग्र विकास में सुधार के लिए इंटरकॉलेजिएट सांस्कृतिक उत्सव और इंटरकॉलेजिएट खेल उत्सव आयोजित करेगा। प्रो. राय ने बताया कि इस बार लखनऊ विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर में 65वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा और डॉ. के. कस्तूरीरंगन दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।

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