सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग की बहन रैंडी जकरबर्ग Zuckerberg ने कंपनी छोड़ने के आठ साल बाद चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि साल 2011 में फेसबुक में नौकरी क्यों छोड़ दी थी। दरअसल, उन्हें कंपनी में महिला कर्मचारियों की कमी अखरती थी।
रैंडी Zuckerberg ने बताया कि
रैंडी जकरबर्ग Zuckerberg ने बताया कि मार्क के कहने पर वह साल 2004 में फेसबुक की शुरुआत से ही कंपनी के साथ जुड़ गई थीं। वहां लाइव स्ट्रीमिंग विभाग की जिम्मेदारी उन्हें मिली थी। शुरुआत में फेसबुक में 50 कर्मचारी थे। उस वक्त टेक इंडस्ट्री में महिलाओं का शामिल होना मुश्किल था।
मैं जिस भी विभाग में जाती थी, वहां कोई भी महिला कर्मचारी नहीं थी। ऐसे में साल 2011 में मेरे पास फेसबुक छोड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। रैंडी ने बताया कि मैं ऐसा माहौल चाहती थी जहां महिलाओं की भागीदारी ज्यादा हो। मगर, यह समझ से परे है कि इसी 4 फरवरी को कंपनी के 15 साल पूरे करने के बाद भी स्थिति में ज्यादा बदलाव क्यों नहीं आया है।
रैंडी के मुताबिक शुरुआत में फेसबुक के ज्यादातर विभागों में उनके अलावा कोई दूसरी महिला नहीं थी। यह उन्हें पसंद नहीं था। टेक्नोलॉजी की दुनिया में पुरुषों का दबदबा है। उन्होंने बताया कि वह समस्या का हल तलाशना चाहती थीं, न कि इस समस्या का हिस्सा बनना चाहती थीं।
सिलिकॉन वैली से बाहर
इसलिए मैंने सोचा कि मुझे सिलिकॉन वैली से बाहर निकलना चाहिए और सच में यह समझना चाहती थी कि हम महिलाओं को कहां खो रहे हैं। रैंडी जकरबर्ग ने कहा कि मैं एक ऐसी दुनिया देखना चाहता हूं, जहां हर विभाग में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो। मगर, मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि 15 सालों में भी इसमें बहुत थोड़ा ही बदलाव क्यों हुआ है।
तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को रैंडी ने एक अजीब सलाह दी है, जिससे उन्हें लगता है कि महिलाओं की भागीदारी वहां बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि टेक सेक्टर में काम करने वाली युवा महिलाओं के लिए मेरी सबसे अच्छी सलाह यह है कि वे भी मेरी तरह अपना नाम पुरुषों के जैसा रखें।
रैंडी ने कहा कि मैं आपको यह नहीं बता सकती कि मुझे फेसबुक के शुरुआती दिनों में कितनी मीटिंग्स मिलीं, क्योंकि लोगों को लगा कि वे एक पुरुष से मिल रहे हैं। और मुझे बस ऐसा लगा कि अपने भाग्य का इस्तेमाल करना मेरे जीवन का उद्देश्य है और अन्य महिलाओं के लिए टेक इंडस्ट्री का दरवाजा खोलना है।