आमतौर पर कलेक्टर की छवि आम जनता के बीच यही है कि वह शानदार एसी रूम में बैठकर मातहतों पर रौब झाडऩे, हर काम के लिए निचले स्तर के अफसरों पर जिम्मेदारी डालने वाले अफसर के रूप में होती है, लेकिन यह धारणा एमपी के विदिशा जिले के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने तोड़ दी है, वे शहर की अस्त-व्यस्त हो चुकी सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए खुद नाली में फावड़ा, तशला लेकर उतर पड़े। उनके इस कार्य को देखते ही देखते जनता का रिस्पांस मिला और पूरा शहर उनके साथ खड़ा हो गया और शुरू हो गई शहर को स्वच्छ बनाने की मुहिम।
एक जिले का मुखिया हाथ में फावड़ा और तसला लेकर नाली की सफाई करते नजर आए तो किसी को विश्वास नहीं होगा, मगर मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के जिलाधिकारी कौषलेंद्र विक्रम सिंह ने सफाई अभियान को आम आदमी के जीवन का हिस्सा बनाने के लिए अनोखी मिसाल पेश की है। जिलाधिकारी की इस पहल को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सराहा है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी और विदिशा के जिलाधिकारी सिंह के सफाई अभियान की चर्चा हर तरफ है। वे हर रोज विदिषा की सड़क किनारे की नालियों की सफाई करते नजर आ जा जाते हैं। उनके हाथ मे फावड़ा होता है, साथ ही वे नालियों से निकलने वाले कचरे को तसले में भरकर फेकनें में लगे होते है। सिंह की इस पहल को सरकारी तंत्र के साथ आमजन का भी साथ मिल रहा है।
जिलाधिकारी सिंह विदिशा की सफाई व्यवस्था को लेकर चिंतित थे। संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, कर्मचारियों को डांट डपटकर सिर्फ औसत दर्जे का काम लिया जा सकता है, मगर प्रोत्साहन और स्वयं की सहभागिता से भरपूर नतीजे निकाले जा सकते हैं। इतना ही नही जो काम समाज के लिए करना है, उसमें समाज को साथ लेकर ही अच्छे से किया जा सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस पहल की सराहना करते हुए ट्वीट किया, विदिशा कलेक्टर व उनकी टीम द्वारा सफाई व्यवस्था को लेकर किया जा रहा कार्य सराहनीय व प्रशंसनीय है। यह दूसरों के लिये प्रेरक भी है, महात्मा गांधी जी का यही संदेश है कि कोई कार्य छोटा नहीं होता है, ठान लिया जाये तो हर चीज संभव।