राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हिंदुस्तान यात्रा से पहले एक प्रभावशाली अमेरिकी सांसद ने बुधवार (19 फरवरी, 2020) ने कश्मीर व नागरिकता संशोधन कानून के विरूद्ध देशभर में जारी आंदोलनों पर चिंता जाहीर की. अमेरिकी सांसद ने बोला कि हिंदुस्तान को अल्पसंख्यकों (यहां मुस्लिम पढ़ें) की सुरक्षा करनी चाहिए व मुल्क के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को नहीं खोना चाहिए.
एशिया मुद्दे की हाउस फॉरेन अफेयर्स उपसमिति के अध्यक्ष एमी बेरा ने बोला कि अमेरिकी की ख़्वाहिश थी कश्मीर मामले का निवारण हो व क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल हो. कैलिफोर्निया से डेमोक्रेट पार्टी से चार बार के सांसद बेरा ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि हिंदुस्तान धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र खो दे, यह वह है जो इसे क्षेत्र के राष्ट्रों से उसे अलग करता है. हिंदुस्तान की यही वो बात है जो उसे अमेरिका का इतना मूल्यवान भागीदार बनाती है.’
अमेरिकी नेता से जब पत्रकारों के एक समूह ने पूछा कि क्या उन्होंने कश्मीर पर अपनी चिंताओं को भारतीय अधिकारियों से अवगत कराया है? उन्होंने बोला कि हमने कश्मीर में सियासी नेताओं को हिरासत में रखने पर अपनी चिंता जाहीर की है. बता दें कि डेमोक्रेट सांसद बेरा व जॉर्ज होल्डिंग हिंदुस्तान के दो दिवसीय दौरे पर हैं.
बेरा ने आगे बोला कि वो कश्मीर में कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधिमंडल ले जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने अपनी ख़्वाहिश जाहीर की कि हम किसी समय एक प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर ले जाना चाहेंगे.’ अमेरिकी सांसद ने इस बीच हिंदुस्तान के जीवंत लोकतंत्र की भी सराहना की जहां करीब 80 करोड़ हिंदू व करीब 20 करोड़ मुस्लिमों साथ-साथ रह रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने अपने एक अहम निर्णय के तहत पिछले वर्ष अगस्त में जम्मू और कश्मीर को विशेष प्रदेश का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के अधिकांश प्रावधान निरस्त कर दिए. इसके अतिरिक्त प्रदेश को दो केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर व लद्दाख में विभाजित कर दिया है. इसमें जम्मू और कश्मीर में विधानसभा होगी जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केन्द्र शासित प्रदेश होगा.