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जम्मू-कश्मीर में दवाइयों की कमी पर प्रशासन ने कही यह बड़ी बात…

जम्मू-कश्मीर में दवाइयों की कमी पर प्रशासन ने बोला है कि श्रीनगर में 1666 में से 1165 केमिस्ट दुकानें खुली हुई हैं. कश्मीर घाटी में 7630 रीटेल केमिस्ट दुकानें  4331 होलसेल केमिस्ट दुकानें हैं,  65 फीसदी दुकानें खुली हुई हैं. उन्होंने बोला कि सभी 376 दवाएं सरकारी  प्राइवेट दुकानों पर उपलब्ध है. 62 जरूरी/जीवन रक्षक दवाएं भी उपलब्ध है. दवा बेबी फूड के लिए जम्मू  चंडीगढ़ में 3-3 लोगों को लगाया गया है.

घाटी के अधिकांश इलाके से पाबंदियां हटाई गईं
कश्मीर के अधिकांश इलाकों से शनिवार को पाबंदियां हटा ली गई. अधिकारियों ने बताया कि लोगों को निर्बाध ढंग से आवाजाही की अनुमति दी गई है, हालांकि, सुरक्षा बलों की तैनाती बनी हुई है. अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश इलाकों से बैरिकेड हटा लिए गए हैं, लेकिन शहर के कुछ इलाकों में सड़कों पर  घाटी में दूसरी जगहों पर कंटीले तार लगे हुए हैं. पहचान पत्रों की जाँच करने के बाद ही लोगों को आने-जाने की इजाजत दी जा रही है. गाड़ियों की आवाजाही भी बढ़ गई  दफ्तरों में भी लोगों की उपस्थिति बढ़ी है. जम्मू और कश्मीर सरकार के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने कहा, घाटी के 69 थाना क्षेत्रों में पाबंदियों को दिन के समय पूरी तरह से हटा दिया गया है जबकि जम्मू क्षेत्र के 81 थाना क्षेत्रों में दिन के समय में कोई प्रतिबंध नहीं लगा रखा है.

बाजार बंद रहे :
लगातार 20 वें दिन कश्मीर में मार्केट बंद रहे. दुकानें  कारोबारी प्रतिष्ठान भी नहीं खुले  सड़कों से सार्वजनिक परिवहन भी नदारद रहे. हालांकि, शहर के बटमालू  लाल चौक इलाके में कुछ दुकानदारों ने अपने स्टॉल लगाए. अधिकारियों ने बताया कि पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद से मोबाइल इंटरनेट सेवा ठप है. उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर लैंडलाइन टेलीफोन सेवा बहाल कर दी गई है. हालांकि, लाल चौक  प्रेस इनक्लेव में सेवा ठप है.

सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर : 
जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा  अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बल हाईअलर्ट पर हैं. क्योंकि सीमा पार से आतंकवाद का खतरा अब भी बना हुआ है. जम्मू और कश्मीर सरकार के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बताया कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद का खतरा अब भी बना हुआ है.

हिरासत में बंद माकपा नेता को लेकर येचुरी ने न्यायालय का रुख किया

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने जम्मू और कश्मीर में हिरासत में लिए गए पार्टी नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी को पेश किए जाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. येचुरी की इस याचिका पर शीर्ष न्यायालय सोमवार को सुनवाई करेगी.
केन्द्र के जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को हटाने के बाद से ही तारिगामी हिरासत में हैं. न्यायमूर्ति एन वी रमन  न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ के समक्ष शुक्रवार को याचिका आई. पीठ ने इस पर 26 अगस्त को सुनवाई की सहमति जता दी. न्यायमूर्ति रमन ने बोला कि मुद्दा एक उचित पीठ के समक्ष आएगा.पार्टी सूत्रों ने बताया कि माकपा की केंद्रीय समिति के मेम्बर एवं जम्मू और कश्मीर विधानसभा के चार बार विधायक रहे तारिगामी की तबीयत अच्छा नहीं है. माकपा ने बोला कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका दायर की गई है. इसके तहत किसी आदमी को अपने मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालयों में जाने का हक है. येचुरी इस महीने की आरंभ में भी तारिगामी से मिलने श्रीनगर गए थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी.

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