लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि पर्यावरण का संतुलन बनाये रखने में पेड़ों का बहुत अधिक महत्व होता है। आकडों के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 22 करोड 59 लाख 81 हजार 1 सौ 116 पौधे लगाकर रिकार्ड बनाया। यह पौधे देख-रेख के अभाव में शीघ्र ही सूख जायेंगे और एक साल बाद शायद ही इसमें से 1 करोड पौधें बच सके। यह बचने वाले पौधे वहीं होंगे जिनको खाद और पानी देने का कार्य व्यक्तिगत तौर पर लोगों ने किया होगा। सरकार का शेष धन पौधे लगाने में व्यर्थ हो जायेगा।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि भले ही एक करोड़ पौधे लगाये जाते और उनकी देखरेख करने के लिए प्रति 200 पौधों पर एक व्यक्ति की नियुक्ति की जाती तो एक वर्ष पश्चात लगभग सभी पोधें सजीव अवस्था में मिलते तथा 50 हजार लोगों को रोजगार भी मिल जाता। जीवत पौधे प्रदेश का पर्यावरण संतुलित करने का कार्य भी सुचारू रूप से करने लगते। क्या यह अच्छा होता यदि सम्पूर्ण प्रदेश में नीम,पीपल और बरगद के पेड़ लगाये जाते जो प्रदेश को प्रदूषण मुक्त करने में सहायक सिद्ध होते।
रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सम्पूर्ण उ0प्र0 में प्रतिवर्ष एक्सप्रेस-वे बनाने तथा सड़कों के चैडीकरण में लाखों पौधें काट दिये जाते हैं और प्रदेश में ग्लोबल वार्मिग का प्रभाव बढ जाता है, पर्यावरण प्रदूषित होने लगता है। इस सन्दर्भ में प्रदेश सरकार को चाहिए कि अगामी वर्षो में जहां भी एक्सप्रेस-वे अथवा राजमार्ग के चैडीकरण का अभियान चलाना हो वहां पर अभी से चिन्हित करके पौधारोपण कराया जाय ताकि अभियान के समय बड़े पेड कटने तक वर्तमान में लगाये गये पौधें बड़े हो सके और पर्यावरण का संतुलन बना रहे। इस सन्दर्भ में सरकार को बजट के बन्दरवाट पर भी विषेश ध्यान रखने की आवश्यकता है।