रोजगार
जेहर देखा उहइ कोरोना
नाकी में बा दम।
कब जिउ छूटी तोहसे पापी
बेड़ा कइला गर्क।।छूटल नौकरी भटकत हई
रोजगार भी मन्द।
काने में तोहरे नाम के
पीड़ा नाहीं कम।।
Tags employment डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
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