अगर दिनचर्या में किसी आसन को सरलता से अपनाया जा सकता है तो वह है कागासन यानी क्रो पोज. सबसे बड़ा लाभ है कि इस आसन को आप किसी भी समय कर सकते हैं. खाते समय, किचन में कार्य करते समय, अखबार पढ़ते समय व बच्चे पढ़ाई करते समय भी इस आसन को कर सकते हैं. घुटना मोड़ कर पंजों के बल बैठना या उटकुर्वा बैठना ही कागासन कहलाता है. यह आसन जितना सरल है, उसके फायदे भी उतने ही ज्यादा हैं. यह पेट की बीमारियों के लिए बहुत ज्यादा मुफीद है. पेट की 16 से ज्यादा बीमारियां महज इस एक आसन को करने से अच्छा हो सकती हैं.
ऐसे करें आसन
-सबसे पहले सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएं. पैर के पंजे बिल्कुल सीधे व हाथ के पंजे शरीर से चिपके होने चाहिए.
– अब उसी अवस्था में बैठ जाएं. पंजे आगे की ओर होने चाहिए व हाथों से घुटने को पकड़ लें.
आयंगर पद्धति
प्रकार एक
जिनकी एड़ियों में तकलीफ हो, वो पैर के नीचे एक लकड़ी का आर्कनुमा टुकड़ा रखकर उस पर बैठ सकते हैं जबकि हाथ पीछे की ओर रहेंगे.
प्रकार दो
वहीं जिनकी जांघों में तकलीफ हो, वो एड़ी के नीचे आर्क के साथ जांघ व पैर के बीच में छोटा तकिया फंसा लें. जबकि हाथों को सिर के ऊपर की ओर मोड़कर जोड़ लें.
प्रकार तीन
जिन्हें कमर में तकलीफ हो वो एक नीचा स्टूल या घर में उपस्थित लकड़ी की पटरी ले लें व उस पर बैठ जाएं. पैर को स्टूल के करीब ले जाएं व हाथों को घुटनों के ऊपर रख लें.
ये होते हैं फायदे
– यह आसन करने से पैर का दर्द, ऐसिडिटी, कब्ज समेत पेट से जुड़ी कई दिक्कतें अच्छा हो जाती हैं.
– लिवर व किडनी का संचालन भी बेहतर होता है.
– पेट पर जमा चर्बी भी इससे बहुत ज्यादा हद तक दूर हो जाती है.
– घुटने के रोगियों को यह आसन प्रशिक्षक के निर्देशन में ही करना चाहिए.