तनाव आज के ज़िंदगी में सामान्य हो गया है जिसे कोई ना चाहते हुए भी ले लेता है। इससे बचने के लिए लोग कई तरह के तरीका करते हैं लेकिन इससे छुटकारा पाना सरल नहीं होता। खासकर, स्त्रियों में तनाव व अवसाद के लक्षण अधिक देखने को मिल रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके ऊपर करियर, बच्चे, परिवार, दोस्त वस्वैच्छिक कार्य को लेकर अधिक दबाव होता है। ऐसे में स्त्रियों को खुद का ध्यान बहुत अधिक रखना पड़ता है। एक सर्वे में भारतीय स्त्रियों ने खुद को सबसे ज्यादा तनाव में बताया। वैसे महिलाओ में तनाव के कई कारण हो सकते हैं। जानिए उन कारणों को।
उच्च रक्त चाप- आमतौर पर एक वयस्क स्त्रियों की तुलना में एक वयस्क पुरुष में उच्च रक्तचाप अधिक आम है, लेकिन यदि महिलाएं ज्यादा तनाव लेती हैं, तो उन्हें उच्च रक्त चाप का सामना करना पड़ सकता है।
कमर दर्द- कमर और पीठ का दर्द आज के समय में एक सामान्य सी बात हो गई है। हर आदमी अपने ज़िंदगी में कभी ना कभी इसका जरूर सामना करता है। महिलाएं तनाव की वजह से कमर दर्द का सामना कर सकती हैं।
नींद में परेशानी- तनाव की वजह से स्त्रियों की नींद बेकार हो सकती है। आपकी नींद की गुणवत्ता को निगेटिव रूप से प्रभावित करने सहित तनाव कई उपायों से आपके ज़िंदगी को प्रभावित कर सकता है।
वजन का बढ़ना- क्या आप जानती हैं कि अधिक तनाव लेने के कारण आपका वजन भी बढ़ सकता है? तनाव से शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाता है।वजन बढ़ना उनमें से ही एक है। तनाव शरीर के फैट को एकत्रित करता है, जिसके कारण वजन बढ़ने लगता है। इसके अतिरिक्त डायबिटीज व हार्ट अटैक की समस्या भी हो सकती है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम- यदि महिलाएं तनाव लेती हैं तो उन्हें पेट या अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या का सामना करना पड़ सकता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार सबसे आम विकारों में से हैं। स्त्रियों में ज्यादातर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग पुरुषों में होने वाले लोगों से स्वाभाविक रूप से अलग नहीं होते हैं।