लखनऊ। उत्तर प्रदेश की करीब ढाई वर्ष पुरानी योगी आदित्यनाथ सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार कल यानि बुधवार को हो सकता है। इसको लेकर सत्ता के गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। इससे पहले यह विस्तार सोमवार को होना था लेकिन रविवार देर रात अपरिहार्य कारणों से इसे टाल दिया गया था। इस विस्तार में आधा दर्जन नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। कुछ मंत्रियों का कद बढ़ सकता है तो वहीं कुछ मंत्रियों के विभाग में फेरबदल किया जा सकता है।
मंत्रिमंडल में जगह पाने वालों में
मंत्रिमंडल में जगह पाने वालों में मुख्य रूप से एमएलसी अशोक कटारिया, एमएलसी विद्या सागर सोनकर, सिद्धार्थनगर इटवा के विधायक सतीश द्विवेदी, देवरिया के श्रीराम चौहान व बुंदेलखंड से झांसी के रवि शर्मा के नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आरएलडी से भाजपा में आए सहेंद्र सिंह ’रमाला’ व साहिबाबाद से सुनील शर्मा को जगह मिल सकती है। वहीं फर्रुखाबाद से सुशील कुमार शाक्य व सुनील दत्त द्विवेदी में से किसी एक को लिया जा सकता है।
इसके इतर राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. महेंद्र सिंह को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जा सकती है। इसी के साथ विवादों में रहे कई मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किए जाने का भी फैसला किया गया है। कई मंत्री तबादले व विभागीय कार्यशैली को लेकर विवाद में रहे थे। उन्हें लेकर पार्टी व संगठन में नाराजगी है। माना जा रहा है कि उन्हें हटाया जा सकता है।
प्रदेश मंत्रिमंडल में अभी 43 मंत्री है। इसकी संख्या 60 तक हो सकती है। वैसे वर्ष 2017 में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ही कई बार कयास लगाए जाते रहे कि विस्तार होगा। वजह थी कि पार्टी के कुछ पुराने वरिष्ठ नेताओं को चुनाव जीतने के बाद भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी थी। मंत्रिमंडल में 45 जिलों का प्रतिनिधित्व नहीं था। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 होने के बाद से यह संभावना जताई जा रही थी।