आर्थिक मंदी से जूझ रहे देश में जीडीपी को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। वित्त मंत्रालय ने सरकारी कंपनियों के प्रोजेक्टस में 3.3 लाख करोड़ के खर्च का लक्ष्य तय किया है। शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में कंपनियों को भुगतान में हो रही देरी और इससे जुड़े अन्य विवादों को भी तेजी से निपटाने के लिए कहा गया।
इस बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती और व्यय सचिव जीसी मुर्मु मौजूद रहें। इसके साथ ही बैठक में केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली महारत्न और नवरत्न कंपनियों के प्रमुख उपस्थित थे। बैठक में बुनियादी ढ़ांचा विभाग से चुड़े मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकार भी मौजूद रहे।
वित्त मंत्रालय की इस बैठक में सरकारी कंपनीयों से कहा गया कि समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक डैशबोर्ड तैयार करें और इस डैशबोर्ड पर सभी मंत्रालयों को भुगतान की जानकारी दें। वित्त मंत्रालय की इस कदम से बाजार में पूंजी प्रवाह और मांग बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस वित्तवर्ष में केंद्र सरकार ने 3.3 लाख करोड़ के खर्च का लक्ष्य रखा है। ओएनजीसी के कार्यकारी निदेशक एनसी पांडे ने कहा कि 87,000 करोड़ रुपये मुल्य की 27 परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। ये सभी परियोजनाएं तीन-चार साल में पूरी हो जाएंगी।
देश में चल रही बड़ी ढ़ाचागत परियोजनाओं के प्रगति पर वित्त मंत्रालय की नजर बनी रहेगी और आने वाले दिनों में सरकारी कंपनियों के प्रमुखों के साथ दोबारा समीक्षा बैठक भी होगी। इससे अर्थव्यवथा में सुधार की उम्मीद है।