17 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने वाला है। इस पावन महीने में तमाम भक्त विधि-विधान से भगवान शिव शंकर की पूजा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को बहुत पसंद है। इस पूरे महीने में शिव धरती पर आकर अपने भक्तों की परेशानियां दूर करते हैं। इसी मान्यता के चलते हर कोई इस महीने में भोलेनाथ को खुश करने की तमाम कोशिश करता है। लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी है, जिन्हें भगवान शिव को खुश करना नहीं आता और वे महादेव की कृपा से वंचित रह जाते हैं।
सावन के महीने में रोजाना नित्य कर्मों से निवृत होने के बाद भगवान शंकर के साथ-साथ देवी पार्वती व नंदी की पवित्र जल अर्पित करें। इसके बाद शिव जी को चंदन, अक्षत, बेल पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल चढ़ाएं। ऐसा करने के बाद मंत्र जाप करें-
मन्दारमालाङ्कुलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।
श्री अखण्डानन्दबोधाय शोकसन्तापहारिणे।
सच्चिदानन्दस्वरूपाय शंकराय नमो नम:॥
इस मंत्र जाप के बाद भगवान शिव को घी, शक्कर, गेंहू के आटे से बने प्रसाद को भोग लगाएं और धूप, दीप से इनकी आरती करें। प्रसाद खुद खाने से पहले गुरुजनों, बुजुर्गों और परिवार के सदस्यों को दें। कहते हैं इस मंत्र के जाप से शिव प्रसन्न होते हैं और पैसों से जुड़ी परेशानियां दूर करते हैं। एक मान्यात ये भी है कि इस मंत्र के जाप करने से त्रिलोकीनाथ बेहद खुश होते हैं और भक्तों पर अपनी अपार कृपा बरसाते हैं।