कपिल मिश्रा ने ऐलान किया है कि इस वर्ष का छठ पर्व वह कश्मीर के डल झील के किनारे मनाएंगे।इसके लिए कपिल मिश्रा ने लोगों से बाकायदा रजिस्ट्रेशन भी करवाना प्रारम्भकर दिया है। कपिल मिश्रा ‘इस बार कश्मीर की भूमि पर डल झील के किनारे ऐतिहासिक छठ पूजा का आयोजन होगा।
डल झील के किनारे ही भगवान सूर्य को जल अर्पित किया जाएगा।जिस दिन श्रीनगर की डल झील पर छठ पूजाप्रारम्भहो गई, कश्मीर में कोई समस्या नहीं बचेगी।अभी तक 510 लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।बहुत जल्द ही हमलोग इसके लिएजम्मूऔरकश्मीरकेगवर्नरमहोदय से अनुमति के लिए आवेदन करेंगे।’
कपिल मिश्रा किसी न किसी कारण से लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं।मिश्रा दिल्ली के करावल नगर से विधायक हैं।पिछले दिनों ही दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कपिल मिश्रा को नोटिस जारी किया था।आम आदमी पार्टी के ग्रेटर कैलाश से विधायकवदिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कपिल मिश्रा द्वारा मोदी का प्रचार करने की शिकायत विधानसभा अध्यक्ष से की थी।इसी को आधार बना कर विधानसभा अध्यक्ष ने कपिल मिश्रा को नोटिस जारी किया था।
बता दें कि दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रावआम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक अदावत अबबहुत ज्यादागहरी है।लोकसभा चुनाव सेअच्छापहले आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने नरेंद्र मोदी को फिर सेपीएमबनाने के लिए दिल्ली में ‘मेरा पीएम मेरा अभिमान’ नाम से एक अभियानप्रारम्भकिया था।
छठ पूजा पूर्वांचलियों का सबसे बड़ा पर्व
कपिल मिश्रा कभी अरविंद केजरीवाल के खास सहयोगियों में से एक रहे हैं, लेकिन कुमार विश्वास की निकटतावमंत्री पद से हटाने के बाद वह केजरीवाल से नाराज हो गए थे।अरविंद केजरीवाल केकरप्शनकेविरूद्धअभियान में कपिल मिश्रा एकजरूरीसाथी कीकिरदारनिभा चुके हैं।पार्टी के अंदर ब्लैकमनी, हवाला, चंदे में गड़बड़ी जैसे मुद्दों पर खुलकर बोलने पर उनका मंत्री पद चला गया था।
जानकारों का मानना है कि हाल के कुछ दिनोंसे कपिल मिश्रावदिल्लीभाजपाके प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी में खूब बन रही है।साथ ही कपिल मिश्रा की मांभाजपासे जुड़ी हुई हैंवपूर्व में पूर्वी दिल्ली की मेयर भी रह चुकी हैं।क्योंकि, दिल्ली में पूर्वांचली वोटरों की अच्छी-खासी तादाद हैवकपिल मिश्रा को पता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पूर्वांचली वोटर्स उनके जीत-हार में अहमकिरदारअदा कर सकते हैं।इस लिहाज से पूर्वांचली वोटरों का सेंटिमेंट अपने साथ जोड़े रखने के लिए मिश्रा की यह राजनीतिक चाल है।