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दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन के अलावा सीपीसीबी के चेयरमैन को मिला यह आदेश

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के बाद राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal) ने भी सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। इस बीच मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान एनजीटी में दिल्ली के मुख्य सचिव ने एनजीटी में कहा कि उठाए गए कदम अधूरे हैं। अभी और कदम उठाए जाने की जरूरत है। कूड़ा आदि जलाने के मामले में कमी आई है। हम लापरवाही को लेकर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के प्रतिनिधि ने कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक हुई है। हमने 1150 करोड़ रुपये संबंधित राज्यो दिए हैं। 14000 मशीनें पिछले साल ही उपलब्ध करवाई गई हैं और 50000 मशीनें आग साल तक उपलब्ध करवाई गई है।

वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स को संज्ञान में लेते हुए NGT ने दिल्ली के मुख्य सचिव को तलब किया। सोमवार को अपने आदेश में एनजीटी ने दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन के अलावा सीपीसीबी के चेयरमैन को भी मंगललवार सुबह पेश होने का आदेश दिया है।

इससे पहले राजधानी दिल्ली में सोमवार से ऑड-इवेन लागू होने के बाद मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल कार पूल करके और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया साइकिल से दिल्ली सचिवालय स्थित अपने ऑफिस पहुंचे। अर¨वद केजरीवाल सिविल लाइंस स्थित अपने आवास से कार पूल करके अपने दफ्तर के लिए निकले। उनके साथ मंत्री गोपाल राय और सत्येंद्र जैन भी थे।

केजरीवाल ने सुबह लोगों से ऑड-इवेन का पालन करने की अपील भी की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘नमस्ते दिल्ली! प्रदूषण कम करने के लिए आज से ऑड-इवेन शुरू हो रहा है। अपने लिए अपने बच्चों की सेहत के लिए और अपने परिवार की सांसों के लिए ऑड-इवेन का जरूर पालन करें। कार शेयर करें। इससे दोस्ती बढ़ेगी, रिश्ते बनेंगे, पेट्रोल बचेगा और प्रदूषण भी कम होगा।’ उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली के लोग ऑड-इवेन का समर्थन कर रहे हैं, एक-दो ही चालान हो रहे हैं। वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा कि पराली जलने से काफी प्रदूषण हो रहा है। फिलहाल हम कुछ नहीं कर सकते, लेकिन अगले 10 दिन तक इसका पालन जरूर कर सकते हैं। यह सबके फायदे के लिए है। ऑड-इवेन में दिल्ली सरकार के मंत्रियों को छूट नहीं दी गई है।

परिवहन व राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत अपने ओएसडी (राजस्व) आर के सैनी के साथ कार पूल कर दफ्तर पहुंचे। समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने सचिवालय पहुंचने के लिए मेट्रो का सहारा लिया। खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन की कार का नंबर इवेन है, इसलिए वह सोमवार को कार से ही दफ्तर पहुंचे।

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