वेनेजुएला में 30 अप्रैल को हुए सैन्य तख्ता पलट के प्रयासों के आरोप में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि इस मामले में पहले ही 34 लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है।
अभियोग पक्ष के वकील जनरल टी विलियम साब ने मंगलवार को धार्मिक मामलों के मंत्रालय के जनवरी से मई तक के कामकाज की समीक्षा के दौरान यह बात कही।
श्री साब ने देश में लोकतांत्रिक स्थायित्व और शांति बनाये रखने में मंत्रालय की मुख्य भूमिका की सराहना की। उन्होंने इसके पहले कहा था कि सेना के कुछ विश्वासघाती जवानों के समर्थन से विपक्षी नेताओं जुआन गुआइदो और लियोपोल्दो लोपेज ने तख्ता पलट की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा कि अगस्त 2018 में राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की हत्या के प्रयास के आरोप में 38 लोग आरोपी बनाये थे जिनमें 31 लोग जेल में बंद हैं। शेष आरोपी देश से बाहर हैं। उन्होंने कोलंबिया और अमेरिका से जांच में घिरे अपने नागरिकों को वेनेजुएला को साैंपने का आग्रह किया है। वेनेजुएला में मौजूदा राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए अमेरिका ने उस पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाने के अलावा कहा है कि वह सैन्य विकल्प पर विचार कर रहा है। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष एवं विपक्ष के नेता जुआन गुआइदो ने 23 जनवरी को इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने के साथ ही स्वयं को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित किया था।
अमेरिका के अलावा अब तक कनाडा, अर्जेंटीना, ब्राजील, चिली, कोलंबिया, कोस्टा रिका, ग्वाटेमाला, होंडुरास, पनामा, पैराग्वे और पेरू समेत 54 देशों ने विपक्ष के नेता जुआन गुआइदो को वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में मान्यता देने की घोषणा की है। विपक्षी नेता गुआइदो ने 30 अप्रैल को काराकस के ला कारलोटा सैन्य अड्डे से एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए वेनेजुएला की सेना और लोगों से सड़कों पर उतर कर माैजूदा राष्ट्रपति मादुरो को सत्ता से बेदखल करने का आह्वान किया था।
उल्लेखनीय है कि वेनेजुएला में हजारों लोग मौजूदा राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व श्री गुआइदो कर रहे हैं। जनवरी की शुरुआत में श्री मादुरो ने राष्ट्रपति के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ ली थी। चुनावों में उन पर गड़बड़ी करने के आरोप लगे थे। मादुरो के नेतृत्व में कई वर्षों से वेनेजुएला गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। बढ़ती कीमतों के अलावा खाने-पीने और दवाईयों की कमी के कारण लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक वेनेजुएला में जारी राजनीतिक एवं आर्थिक संकट के कारण अब तक करीब 40 लाख लाेग देश छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले चुके हैं।