कश्मीर में आए दिन कहीं न कहीं मुठभेड़ या ग्रेनेड अटैक या हमलों की खबरें आती रहती हैं। लेकिन, अब घाटी में सक्रिय आतंकवादियों के बीज फूट पड़ने लगी है। आतंकवादी संगठनों की भिन्न-भिन्न विचारधारा व उसका विवाद उनके बीच बड़ी जंग में तब्दील हो रही है। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर में प्रो-इस्लामी व प्रो-पाकिस्तानी आतंकियों अपनी विचारधारा को लेकर एक दूसरे के विरूद्ध हो चुके हैं व एक-दूसरे की जान ले रहे हैं। बुधवार की शाम अनंतनाग के बिजबेहारा में आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। सुरक्षाबलों ने यहां रोज की तरह सर्च ऑपरेशन चलाया था, लेकिन सुरक्षाबल तब दंग रह गए, जब बिना किसी शुरुआती एक्शन के दूसरी तरफ से गोलियां चलनी लगी। दूसरे दिन यहां से एक आतंकवादी की डेड बॉडी मिली, जबकि एक को घायल हालत में सुरक्षा बलों ने अरैस्ट कर लिया।
वहीं, गुरुवार को एक वेबसाइट ने अपनी एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया कि आदिल अहमद डास पहले लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी था। संगठन की विचारधारा के साथ विवाद के बाद उसने आईएसआईएस ज्वॉइन कर लिया था। उसे तीन आतंकवादी अपने साथ लेकर गए थे। इनमें से एक हिजबुल मुजाहिद्दीन का व बाकी दो लश्कर के आतंकवादी बताए जा रहे हैं। इन तीनों आतंकवादियों ने बाद में आदिल की गोली मारकर मर्डर कर दी। जिसकी डेड बॉडी सुरक्षाबलों ने बरामद की।
दूसरे आतंकवादी ने भी किया दावा
खातिब अहमद का दावा है कि आदिल अपने संगठन के तीन व आतंकवादियों के साथ 26 जून की रात को उनसे मिला। हिजबुल व लश्कर के तीनों आतंकवादियों ने उनके साथ शामिल होने की शपथ थी, फोटो खिंचवाई। तब आदिल ने अपने तीन साथियों में से दो को भेज दिया व आदिल के साथ उसी के आतंकवादी संगठन का तुरैब वहां रह गया।
खातिब के मुताबिक, इन पांचों आतंकवादियों ने नमाज पढ़ी व जैसे ही नमाज पूरी हुई जुबैर ने अपनी एके-47 उठाई व आदिल पर गोली दाग दी। जिसमें आदिल मारा गया व तुरैब पहाड़ी से नीचे कूदा व वहां से भागने में पास रहा। वह अपना हथियार वहीं छोड़ गया था। गलती से जुबैर की गोली आरिफ को भी लग गई व वह घायल हो गया। आरिफ को बाद में सुरक्षा बलों ने अरैस्ट कर लिया।
क्यों हो रहा टकराव?
इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, यह आतंकवादी संगठनों के बीच विचारधारा की लड़ाई तो है ही। साथ ही विदेशी आतंकवादी व प्रो-पाकिस्तानी आतंकवादियों की हरकतों से लोकल आतंकवादी परेशान भी हैं। सूत्रों के मुताबिक, ISHP व एजीएच के आतंकवादी इस्लामिक स्टेट बनाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। पूरी तरह से इस्लाम को अनुसरण करने की बात करते हैं, पांच वक्त नमाज पढ़ते हैं। इसमें सभी लोकल आतंकी हैं, जिन्हें लोकल लोगों से सहानुभूति भी मिल जाती है।
एक महीने पहले साउथ कश्मीर के शोपियां में आतंकवादी इश्फाक अहमद सोफी के मारे जाने के बाद इस्लामिक स्टेट ने कश्मीर में नयी ब्रांच का ऐलान किया था। इसके बाद आतंकवादियों के आपसी विवाद की ये पहली घटना है।