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तीन तलाक के अपराधीकरण के बाद बढ़ सकती हैं पीड़ित महिलाओं की मुश्किलें- JDU

केंद्र सरकार एक बार फिर आज लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश करने जा रही है. बिल पेश होने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता की खबर आ रही है. एनडीए गठबंधन में बीजेपी की साथी जनता दल (यू) तीन तलाक बिल का विरोध करेगी. इससे पहले भी जदयू इसपर विरोधी स्वर अपनाती रही है.JDU का मानना है कि सरकार की तरफ इस बिल पर किसी तरह की चर्चा नहीं की गई है. इसके अलावा जदयू की आपत्ति है कि तीन तलाक का अपराधीकरण होने के बाद पीड़ित महिलाओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसके अलावा बेल पर नियम को लेकर आम लोगों की राय, सियासी दलों से चर्चा करना जरूरी था.

सदन में जनता दल (यू) बिल को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की मांग कर सकती है. विपक्षी दल पहले ही तीन तलाक बिल के खिलाफ एकजुट हैं और सरकार को इसबिल पर विचार करने को कह रहे हैं, इस बीच अगर अपने ही गठबंधन से इसके खिलाफ आवाज़ उठती है तो सरकार के लिए मुश्किल हो सकती है.

हालांकि, लोकसभा में सरकार को ये बिल पास कराने में कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि भाजपा के पास अकेले दम पर लोकसभा में बहुमत है. हालांकि, राज्यसभा अभी भी विपक्ष ताकतवर है और ऐसे में अगर जदयू साथ छोड़ती है तो सरकार के लिए मुश्किल हो सकती है.

आपको बता दें कि तीन तलाक बिल इससे पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान लोकसभा में पास हो गया था, लेकिन राज्यसभा में पेश नहीं हो पाया था. नई लोकसभा का गठन होने के कारण एक बार फिर बिल को सदन में पास कराने के लिए पेश करना पड़ रहा है. अभी इस बिल पर अध्यादेश आया हुआ है लेकिन कानून बनाने के लिए बिल को संसद के दोनों सदनों से पास कराना जरूरी है.

एक तरफ सरकार इस समय संसद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर विपक्ष का वार झेल रही है तो वहीं अब तीन तलाक बिल लाकर विपक्षी खेमे में फिर हलचल मच गई है. भारतीय जनता पार्टी ने बिल को पास कराने के लिए अपने सांसदों को सदन में रहने को कहा है और व्हिप भी जारी किया है.

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