ऐसा इसलिए है क्योंकि नेस वाडिया का परिवार नहीं चाहता कि आईपीएल टीम में नेस अपनी हिस्सेदारी जारी रखें। अगर लीग से जुड़े सूत्रों की मानें तो टीम में हिस्सेदारी छोड़ने को लेकर नेस वाडिया पर परिवार का बहुत ज्यादा दबाव है। नेस वाडिया उद्योगपति नुस्ली वाडिया के बेटे हैं।
ये भी है वजह : ब्राडकास्ट अधिकार व स्पांसरशिप महंगी हुई है। ऐसे में जबकि बीसीसीआई व फ्रेंचाइजी के बीच 50-50 फीसदी का शेयरिंग रेशियाे है, तो अगले सीजन में टीम के मालिकों को अधिक पैसे लगाने होंगे।
किंग्स इलेवन में ये है हिस्सेदारी का गणित : नेस वाडिया लीग की आरंभ से ही इससे जुड़े हैं। टीम में उनकी हिस्सेदारी 23 फीसदी है। इतना ही शेयर अभिनेत्री प्रीति जिंटा का भी है।जबकि बाकी 46 फीसदी भाग डाबर का है। आठ फीसदी भाग अन्य शेयरधारकों का भी है। नेस वाडिया को छोड़कर बाकी कोई भी अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचना चाहता। माना जा रहा है कि नेस वाडिया के खेमे की ओर से संभावित निवेशकों से बात की जा रही है। ऐसी भी खबरें हैं कि यूके बेस्ड किसी बैंकर से भी इसे लेकर कोई बात की गई है, लेकिन इसके नतीजा क्या रहा, इस पर कुछ साफ नहीं हो सका है।