नई दिल्ली। डॉ मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक बहुत ही प्रतिष्ठित नेता, एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक महान इंसान को खो दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़ी मेरी यादें उस समय की हैं जब वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में पढ़ाते थे। मैं उन दिनों एमए के प्रथम वर्ष में था।
उस दौर के दिग्गज प्रोफेसरों के बीच उन्हें पाना पश्चिमी ओडिशा के संबलपुर जिले से आये मेरे जैसे एक छात्र के लिए बहुत ही सुकून देने वाला था। वे दिन थे जब अमर्त्य सेन, मृणाल दत्ता चौधरी, एएम खुसरो, केएन राज, सुखमय चक्रवर्ती, धर्म कुमार और अन्य जैसे बहुत ही प्रतिष्ठित प्रोफेसर वहां पढ़ाते थे। डॉ. मनमोहन सिंह में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के जटिल विषयों को हर छात्र की समझ में आने वाले तरीके से समझाने की अद्भुत क्षमता थी, जिससे छात्रों के लिए सीखना आसान हो जाता था। वे बेहद विनम्र और शांत स्वभाव के थे।
बाद में मुझे उनके साथ बातचीत करने का सौभाग्य मिला, जब प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान मैं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव और भारत सरकार के कृषि मंत्रालय में सचिव के रूप में काम कर रहा था। जब भी मैं उनसे मिला, मैंने उनके व्यवहार में वही सादगी, ईमानदारी और विनम्रता पाई। इस कठिन समय में मेरी गहरी संवेदनाएं और भावनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी