बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए दिनभर आप में न जाने कितनी कोल्ड ड्रिंक्स और जूस पी जाते हैं. चूंकि प्लास्टिक के पाइप को सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता इसलिए ज्यादातर लोग पेपर स्ट्रॉ (कागज वाला पाइप) का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कागज वाला स्ट्रॉ आपके शरीर के लिए प्लास्टिक वाले स्ट्रॉ से भी ज्यादा खतरनाक है.
पेपर स्ट्रॉ का इतिहास-
प्लास्टिक का इस्तेमाल कम होने की वजह से लोगों ने पेपर स्ट्रॉ का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. 1888 में अमेरिका के मार्विन चेस्टर ने पेपर स्ट्रॉ का निर्माण किया था. पेपर स्ट्रॉ शुरुआत में तेजी से लोकप्रिय हुआ, लेकिन इसके खतरे जानने के बाद लोगों ने इसका इस्तेमाल करना बंद कर दिया और इसकी जगह प्लास्टिक वाले स्ट्रॉ आ गए.
क्यों फिर लौट आए पेपर स्ट्रॉ-
भारत समेत कई देश एक बार फिर प्लास्टिक से पेपर स्ट्रॉ की तरफ रुख करने लगे हैं. पेपर वाले स्ट्रॉ को ईको फ्रेंडली माना जाता है. कागज से बनी चीजों को 3 से 6 सप्ताह के बीच डीकम्पोज किया जा सकता है.
पेपर स्ट्रॉ के खतरे-
पेपर स्ट्रॉ कागज से बनाया जाता है और कागज का निर्माण लकड़ी से होता है. पेपर स्ट्रॉ बनाते वक्त इन्हें अलग लुक देने के लिए कई तरह के रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें काफी कैमिकल मिला होता है. ये कैमिकल आपके शरीर के लिए काफी खतरनाक होते हैं.
क्या है समस्या का हल-
प्लास्टिक या पेपर से बने स्ट्रॉ का इस्तेमाल करने से अच्छा है आप मेटल या बांस से बने स्ट्रॉ का इस्तेमाल करें. आज भी कई रेस्टोरेंट या फूड प्लेस मेटल या बांस से बने स्ट्रॉ ही दे रहे हैं. इनसे आपके स्वास्थ्य को जरा भी खतरा नहीं है.